Soyabean Ki Kheti | सोयाबीन की खेती विश्व की सबसे प्रमुख तथा सर्वाधिक उत्पादन देने वाली तिलहन फसल है. विश्व में इसके उत्पादन में अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना के बाद चौथा स्थान भारत का है. सोयाबीन की खेती भारत में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मणिपुर, महाराष्ट्र, पंजाब आदि प्रदेशों में की जाती है. सर्वाधिक उत्पादन के कारण मध्य प्रदेश को सोया स्टेट के नाम से भी जाना जाता है. सोयाबीन का वनस्पति नाम ग्लाइसिन मैक्सा है.
यदि आप एक किसान है तो आपके लिए यह लेख महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको सोयाबीन की खेती से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि सोयाबीन की खेती कैसे करें? सोयाबीन की खेती के फायदे? सोयाबीन की आधुनिक खेती? Soyabean Ki Kheti कितने दिन की होती है? आदि विषयों की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.
सोयाबीन की खेती की जानकारी
सोयाबीन की फसल एक खरीफ फसल है जिसकी बुवाई जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह के मध्य 4 से 5 इंच वर्षा होने पर की जाती है. इसकी खेती अधिक हल्की व रेतीली भूमि को छोड़कर सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है. परंतु ध्यान रखे कि भूमि का पी.एच मान 6.5 से 7.5 के बीच ही होना चाहिए. सोयाबीन की फसल की अच्छी पैदावार उसी मिट्टी में सबसे ज्यादा होती है जिस मिट्टी में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होती है.
सोयाबीन की जैविक खेती कैसे करें?
यदि आप सोयाबीन की खेती (Soyabean Ki Kheti) से अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते है तो आपको खेती करने का तरीका भी बदलना चाहिए यानी आपको अब सोयाबीन की खेती जैविक विधि से करना चाहिए. इसके लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा जोकि नीचे दिए गए है:
- जैविक खेती के लिए आपको सर्वप्रथम अपने क्षेत्र की जलवायु तथा खेत की मिट्टी की जांच करवा लेनी है. ध्यान रखे कि मिट्टी का पी.एच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
- जब आप पूरी तरह से खेत को जोतकर तैयार कर ले तो फिर आपको मिट्टी को समतल कर देना है. इससे जल निकासी की समस्या दूर हो जाएगी.
- भूमि में जल निकासी की उचित व्यवस्था का होना आवश्यक है क्योंकि सोयाबीन का पौधा कुछ सीमा तक सूखे का सहन कर लेता है परंतु भूमि में अधिक जल इसके लिए हानिकारक होता है.
- अब आपको खेत में आवश्यकता अनुसार ऑर्गेनिक खाद, सड़ी गोबर, कम्पोस्ट खाद डाल देना है.
- इसके बाद, आपको जैविक बीजों का चयन करना है. ध्यान रखे आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बीजों का चयन करना है तथा आपको प्रमाणित बीजों का ही चयन करना चाहिए.
- फिर आपको जून से जुलाई के मध्य 4 से 5 इंच वर्षा होने के बाद सोयाबीन की बुवाई कर देनी है.
- इसके बाद, समय- समय पर निंदाई- गुड़ाई करवाए.
सोयाबीन की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है?
हमारे भारत देश में सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश है. यहाँ देश के पूरे उत्पादन का लगभग 45% हिस्सा उत्पादित होता है. सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां देश के पूरे उत्पादन का लगभग 40% हिस्सा उत्पादित होता है.
सोयाबीन की खेती किस महीने में होती है?
खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई की जाती है. इसकी बुवाई जून के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती है परंतु सोयाबीन की बुवाई का सर्वोत्तम उचित समय जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के मध्य तक होता है.
सोयाबीन की खेती कैसे करें?
फसल बुवाई से जुडी पूरी जानकारी नीचे दी गई है. सोयाबीन की खेती करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करे:
- सोयाबीन की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले भूमि को अच्छे से तैयार कर लेना है.
- इसके लिए आपको एक बार गहरी जुताई कर लेनी है.
- इसके बाद, आपको आवश्यकता अनुसार सड़ी खाद डाल देनी है.
- अब आपको कुछ समय के लिए खेत को खाली छोड़ देना है.
- बुवाई के 15 दिन पूर्व एक बार पुनः गहरी जुताई कर ले.
- इसके बाद, खेत को समतल करवा लेना है.
- बीजों का सही चयन करे ताकि आपको अच्छी पैदावर मिले. ध्यान रखे आपको प्रमाणित बीजों का ही चयन करना है.
- जब आपके क्षेत्र में जून से जुलाई के मध्य 4 से 5 इंच वर्षा हो जाए तो फिर आपको बुवाई करनी है.
- बीजों को सीड ड्रिल की मदद से बोये.
- बीजों को 2.5 से 3.5 सेंटीमीटर की गहराई में बोये.
- एक सप्ताह में बीज अंकुरत हो जाएंगे और पौधे बाहर निकलने लगेंगे.
9560 सोयाबीन की खेती
यदि आप 9560 सोयाबीन की खेती करना चाहते है तो इसकी बुवाई का उपयुक्त समय 17 जून से 25 जून तक का है तथा बुवाई के लिए एक एकड़ में लगभग 40 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. इस किस्म की फसल को तैयार होने में लगभग 80 से 90 दिनों का समय लगता है.
सोयाबीन की खेती में खाद
बुवाई से पहले आपको प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 40 किलोग्राम पोटाश, 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 20 किलोग्राम नाइट्रोजन की मात्रा का छिड़काव खेत की आखरी जुताई के समय करे.
सोयाबीन की खेती का समय
सोयाबीन की अच्छी पैदावर प्राप्त करना चाहते है तो आपको फसल कि बुवाई समय पर कर देनी चाहिए. यदि आप समय पर बुवाई नही करते है तो इससे सोयाबीन की उपज कम हो सकती है. आपको बता दे कि सोयाबीन की बुवाई जून के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाती है और जुलाई के मध्य तक आप बुवाई कर सकते है.
सोयाबीन की खेती कितने दिन की होती है?
सोयाबीन की खेती (Soyabean Ki Kheti) आमतौर पर 90 से 120 दिनों के बीच होती है. अलग- अलग किस्म की फसल की समय अवधि अलग- अलग है. यानी सोयाबीन की फसल को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 3 से 4 महीने का समय लगता है.
सोयाबीन की आधुनिक खेती
पहले खेती करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी क्योंकि उस समय किसान प्रत्येक कार्य खुद से करते थे. जिसमे ज्यादा समय और मेहनत लगती थी परंतु आज आधुनिक खेती (Soyabean Ki Kheti) में कई तकनीकी मशीनें आ गई है जिससे कृषि कार्य करना आसान हो गया है.
सोयाबीन की अगेती खेती
किसान खरीफ फसल को मानसून की स्थिति के अनुसार बुवाई करते है जिसे सोयाबीन की अगेती तथा पछेती खेती कहते है. यदि किसान बुवाई जल्दी कर दे तो उसे अगेती खेती कहते है. वही, यदि किसान देरी से बुवाई करते है तो उसे पछेती खेती कहते है.
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सोयाबीन की खेती के फायदे
सोयाबीन की खेती से कई फायदे है. नीचे कुछ मुख्य फायदे की सूची दी गई है:
- सोयाबीन की फसल को बरसात के समय में ही बोया जाता है, जिसका सीधा फायदा इस फसल को मिलता है.
- इस फसल में लागत कम लगती है.
- सोयाबीन का भंडारण किया जा सकता है क्योंकि यह फसल खराब नही होती है.
सोयाबीन की खेती रोग
सोयाबीन की खेती में लगने वाले प्रमुख रोग निम्न है:
- तना मक्खी (मिलेनोग्रोमाइजा सोजे)
- पत्ता मोड़क (लेप्रोसिमा इंडिकेट)
- स्पोडोपटेरा ल्यूटेरा
- तना छेदक (डेक्टीस डेकसंस)
- सफेद मक्खी (बेमिशिया तेबाकी)
- पीला मोजेक
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
सोयाबीन को उगने में कितने महीने लगते है?
सोयाबीन की फसल को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 3 से 4 माह का समय लगता है.
सोयाबीन बोने से पहले कौन सा खाद डाले?
सोयाबीन बोने से पहले आपको आवश्यकता अनुसार सड़ी गोबर डालनी चाहिए. यदि यह खाद उपलब्ध न हो तो आप डीएपी खाद भी डाल सकते है.
1 एकड़ खेत में कितना डीएपी डालना चाहिए?
एक एकड़ खेत में आपको 1 बोरी डीएपी डालना चाहिए यानी आपको प्रति एकड़ 50 किलो डीएपी डालना आवश्यक होता है.
एक एकड़ में कितना बीज लगता है?
एक एकड़ में लगभग 30 से 40 किलोग्राम बीज लगता है. बीज का दर आपको सही रखना होगा. यदि बीज दर कम रखते है तो सोयाबीन के पौधे से पौधे की दूरी ज्यादा होगी जिसका प्रभाव आपको पैदावार में दिखाई देगा.
एक बीघा जमीन में सोयाबीन कितनी होनी चाहिए?
यदि हम सोयाबीन की पैदावार की बात करे तो 1 बीघा जमीन में 5 से 7 कुंटल सोयाबीन हो सकती है. इसकी पैदावार क्षेत्र की जलवायु, बीज, खाद आदि पर भी निर्भर करती है.