Shimla Mirch Ki Kheti | शिमला मिर्च, मिर्ची की एक प्रजाति है जिसका इस्तेमाल भोजन में सब्जी की तरह किया जाता है. अंग्रेजी में इसे “कैप्सिकम” और “बेल पेपर” भी कहा जाता है. सब्जियों की खेती की बात करें तो भारत में शिमला मिर्च की खेती का अपना एक अलग ही स्थान है. वैसे, शिमला मिर्ची की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो किसान महज दो से तीन महीने में ही अच्छा उत्पादन लेकर बंपर मुनाफा कमा सकते है. यदि पूरे साल शिमला मिर्च की खेती करे तो इसकी 3 फसलें बड़ी आसानी से मिल सकती है.
आज का यह लेख आप सभी किसान भाईयो के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि आज हम आपको शिमला मिर्च की खेती से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि- शिमला मिर्च की खेती कैसे करें? शिमला मिर्च की खेती के लिए जलवायु? शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती? शिमला मिर्च की नर्सरी? शिमला मिर्च की खेती में खाद? शिमला मिर्च की जैविक खेती कैसे करे? शिमला मिर्च की खेती से लाभ? शिमला मिर्च की खेती में लागत व मुनाफा? Shimla Mirch Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.
शिमला मिर्च की खेती की जानकारी
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में शिमला मिर्च की खेती की जाती है. शिमला मिर्च को बेल पर उगाया जाता है क्योंकि फल लगते समय इसका पौधा झुक जाता है. इसकी खेती के लिए उपयुक्त भूमि का चयन, उपयुक्त जलवायु, बीजों का उचित चयन तथा बोने का सही समय अच्छे उत्पादन के लिए बहुत जरुरी है. वहीं, इसकी फसल की देखभाल में उर्वरक देना और पौधों की प्रणालीकरण करना भी जरुरी होता है.
शिमला मिर्च की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी होती है. मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में मौजूद हो और जल निकासी भी बेहतर हो तो शिमला मिर्च की खेती से अच्छी उपज मिलती है.
शिमला मिर्च की खेती का समय
बता दे शिमला मिर्च की खेती (Shimla Mirch Ki Kheti) साल में 3 बार की जा सकती है. इसकी पहली बुवाई जून से जुलाई तक, दूसरी बुवाई अगस्त से सितंबर और तीसरी बुवाई नवंबर से दिसंबर तक की जा सकती है. इसके बीज बोने बाद, उससे निकलने वाले पौधे की रोपाई की जाती है. पौधे की रोपाई का अच्छा समय जुलाई से अगस्त, सितंबर से अक्टूबर और दिसंबर से जनवरी होता है.
शिमला मिर्च के फल पौधे रोपाई के लगभग 70 से 75 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते है. जब इसके फलों का रंग आकर्षक दिखाई देने लगे उस दौरान इसकी तुड़ाई कर ली जाती है.
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शिमला मिर्च की खेती करने वाले राज्य
हमारे भारत देश में शिमला मिर्च की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल आदि है. वैसे, अब किसान पूरे भारत में शिमला मिर्च की खेती करने लगे है.
शिमला मिर्च की खेती के लिए जलवायु
भारत में शिमला मिर्च की फसल के लिए नर्म और आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है. इसके पौधे अधिक सर्दी और गर्मी को सहन नही कर पाते है. इसकी खेती में तापमान अधिक या कम होने पर पैदावार पर असर दिखाई देता है. बता दे शिमला मिर्च के बीज के अंकुरण के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस, पौधे की अच्छी बढ़त के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस और फलों के उचित विकास और परिपक्वता के लिए लगभग 31 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए. वैसे, इसके पौधे अधिकतम 40 डिग्री तथा न्यूनतम 10 डिग्री तापमान को ही सहन कर सकते है.
शिमला मिर्च की उन्नत किस्में
बता दे शिमला मिर्च मुख्य तौर पर 3 प्रकार हरी, लाल और पीली रंग की होती है. अगर आप भी शिमला मिर्च की खेती करने के बारे में सोच रहे है, तो आपको इसकी कुछ उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी नीचे दी गई है:
- इंद्रा
- सोलन हाइब्रिड 1 और 2
- पूसा दीप्ति शिमला मिर्च
- कैलिफोर्निया वंडर
- येलो वंडर
- सोलन भरपूर
- अनुपम
- हरी रानी
- पूसा ग्रीन गोल्ड
- हीरा
शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती
हमारे देश में शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती आजकल कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. यह एक प्रकार की मिर्ची होती है जिसका वैज्ञानिक नाम “Capsicum Annuum” है. बता दे ड्रिप सिंचाई से शिमला मिर्च की वैज्ञानिक खेती अधिक लाभकारी है. शिमला मिर्च की विशेषता यह है कि इसका फल बड़ा आकर्षक और सूखा होता है. वैज्ञानिक खेती के तरीको का अध्ययन करने से गुणवत्ता और पैदावार में सुधार किया जा सकता है. इसके लिए जलवायु, मिट्टी और पोषण की सुविधा का ध्यान रखना अत्यंत जरुरी है. इसकी खेती में वैज्ञानिक तरीको से बुवाई, पौधों की देखभाल, रोग प्रबंधन करना आवश्यक है.
शिमला मिर्च की नर्सरी
अगर आप शिमला मिर्च की खेती (Shimla Mirch Ki Kheti) करना चाहते है तो इसके लिए नर्सरी तैयार करना बेहतर विकल्प है. नर्सरी तैयार करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करे:
- शिमला मिर्च की नर्सरी बनाने के लिए अच्छी भूमि का चयन करे, जहा पूरे दिन में कम से कम 6 से 7 घंटे सूर्य प्रकाश आए.
- अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी का चयन करे, जो अच्छी ड्रेनेज प्रणाली वाली हो.
- इसके बाद, चयनित भूमि में उचित मात्रा में ऑर्गेनिक खाद डाले.
- अब अच्छे गुणवत्ता वाले तथा प्रमाणित बीजों का चयन करे.
- बुवाई से पहले बीज को पानी में लगभग 12 से 15 घंटे के लिए भिगोकर रखे.
- इसके बाद, बीज को सुखाकर तथा उपचार करके बीज लगाए. ध्यान रहे कि बीजों को 1 से 2 इंच की गहराई तक लगाए और उनके बीच में 2 से 4 इंच की दूरी अवश्य रखे.
- इसके बाद, आपको इसमें हल्की सिंचाई कर देनी है.
- नर्सरी को हमेशा गीला न रखे क्योंकि यह पौधों को रूखा कर सकता है, जिससे पौधे नष्ट हो जाएंगे.
- ध्यान रहे नर्सरी में नमी बनी रही इसके लिए आपको समय- समय पर पानी देते रहना है.
- जब पौधा पूरी तरह से तैयार हो जाए, तब आप इन पौधों की खेत में रोपाई कर सकते है.
नोट : अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिक अधिकारियो से नर्सरी से जुडी जानकारी अवश्य ले.
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शिमला मिर्च की खेती कैसे करें?
बता दे शिमला मिर्च के पौधे की रोपाई बीज के रूप में सीधे तौर पर न करके पौधे के रूप में की जाती है. इसलिए इसके पौधों की रोपाई से पहले बीजों को नर्सरी या फिर खेतो में तैयार कर लेना है. अगर आप शिमला मिर्च की खेती (Shimla Mirch Ki Kheti) से अच्छी उपज तथा लाभ प्राप्त करना चाहते है तो आपको इसकी खेती सही विधि से करनी होगी. सही विधि से शिमला मिर्च की खेती करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करे:
- शिमला मिर्च के पौधों की रोपाई से पहले खेत की अच्छे से 2 से 3 बार गहरी जुताई करवा ले.
- इसके बाद, आपको ऑर्गेनिक खाद के रूप में गोबर की खाद को उचित मात्रा में खेत में डाल देना है.
- फिर आपको एक बार पुनः जुताई कर देनी है इससे खाद अच्छे से मिट्टी में मिल जाएगा.
- इसके बाद, खेत में कल्टीवेटर द्वारा 2 बार तिरछी जुताई करे. कल्टीवेटर करने पर आपका खेत समतल हो जाएगा.
- अब खेत में 90 सेंटीमीटर चौड़ी क्यारियां बना ले और शिमला मिर्च के पौधों की रोपाई करे.
- पौधे से पौधे की दूरी लगभग 45 सेंटीमीटर के आसपास रखे.
- एक क्यारी में पौधों की केवल 2 कतारें ही लगाए.
- पौधे रोपाई के तुरंत बाद ही हलकी सिंचाई करे, इससे खेत में नमी बनी रहेगी.
- शिमला मिर्च के पौधों की अच्छी देखभाल से लगभग 3 महीने में ही पैदावार प्राप्त की जा सकती है.
शिमला मिर्च की जैविक खेती
बता दे शिमला मिर्च की जैविक खेती प्राकृतिक तरीके से मिर्ची की उन्नत उपज को प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर देती है. इस विधि में, सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार किया जाता है, जिसमे खाद और कम्पोस्ट को उचित मात्रा में डाला जाता है. इस विधि में उचित पौधा चुनाव और पौधों की रोपाई के बाद समय- समय पर पौधों की पर्यावरण निगरानी और नियंत्रण किया जाता है. सभी उपयुक्त जैविक उर्वरकों का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है ताकि शिमला मिर्च का विकास और उपज को सुनिश्चित किया जा सके.
शिमला मिर्च की खेती में सिंचाई
भारत में शिमला मिर्च की खेती में सिंचाई मिट्टी में नमी कम होने पर ही करनी चाहिए. वैसे, गर्मियों में 4 से 5 दिनों और सर्दियों में लगभग 8 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए. जानकारी के लिए बता दे कि ड्रिप विधि द्वारा पौधों की सिंचाई करने से इसके बीजों को बहने का खतरा नही रहता है तथा पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी भी मिल जाता है.
शिमला मिर्च की खेती में खाद
बता दे शिमला मिर्च के पौधरोपण से पहले खेत की तैयारी करते समय वर्मी कम्पोस्ट खाद या अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद उचित मात्रा में डाल देनी है. रासायनिक उर्वरक नाइट्रोजन 50 किलोग्राम, फास्फोरस 25 किलोग्राम और पोटेशियम 12 किलोग्राम प्रति एकड़ में डाले. बाद में 50 किलोग्राम नाइट्रोजन को दो भागो में बाटकर रोपाई के 30 तथा 55 दिनों के बाद डाले.
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शिमला मिर्च की खेती से लाभ
भारत में शिमला मिर्च की खेती (Shimla Mirch Ki Kheti) एक लाभदायक खेती है. यदि आप इसकी खेती करते है तो आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. इस खेती के लाभ की जानकारी आपको नीचे दी गई है:
- भारतीय बाजारों में शिमला मिर्च की मांग बहुत ज्यादा है जिस वजह से इसका अच्छा भाव मिल जाएगा.
- शिमला मिर्च में बीटा कैरोटिन और विटामिन ए, सी की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिस वजह से शिमला मिर्च का सेवन शरीर के लिए लाभदायक होता है.
शिमला मिर्च की खेती में लागत व मुनाफा
शिमला मिर्च के एक हेक्टेयर के खेत से लगभग 150 से 200 क्विंटल की पैदावार मिल जाती है. बता दे शिमला मिर्च का बाजारी भाव 4000 से 5000 रुपए/ प्रति क्विंटल के आसपास होता है जिससे किसान भाई शिमला मिर्च की एक बार की फसल से 8 से 10 लाख की कमाई आसानी से कर सकते है. इसके अलावा, अगर लागत की बात करे तो, इसकी खेती में लगभग 1 से 1.5 लाख रुपए की लागत आती है. अगर देखा जाए तो किसान भाई शिमला मिर्च की खेती करके बड़ी आसानी से 7 लाख रूपए कमा सकते है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
शिमला मिर्च के बीज कब लगाने चाहिए?
यदि आप शिमला मिर्च के बीज गर्मी के समय लगा रहे है तो फिर आपको इसके बीज मार्च से जुलाई तक लगा देने चाहिए. इसके अलावा, यदि आप इसके बीज ठंड में लगाना चाहते है तो फिर सितंबर से नवंबर माह तक बीज लगा देना चाहिए.
शिमला मिर्च उगाने में कितना समय लगता है?
शिमला मिर्च के बीज को अंकुरण होने में लगभग 5 से 6 दिनों का समय लगता है, इसके बाद पौधा बहार आने लगता है. इसकी फसल को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 3 माह का समय लगता है.
शिमला मिर्च के फूल क्यों गिरते है?
शिमला मिर्च के फूल गिरने का मुख्य कारण है कि तापमान में तेजी से उतार- चढ़ाव होने के कारण शिमला मिर्च के फूल गिर जाते है या फिर पौधा रोगग्रस्त भी हो सकता है.
शिमला मिर्च की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
शिमला मिर्च की सबसे अच्छी किस्म बॉम्बे (रेड शिमला मिर्च) होती है, यह किस्म जल्दी तैयार हो जाती है तथा इसके पौधे लंबे, मजबूत होते है. जबकि इसकी शाखाएं फैली हुई होती है.
शिमला मिर्च बड़ी क्यों नही हो रही?
कई बार शिमला मिर्च के पौधे का सही से विकास नही हो पता है क्योंकि उसे कई बार समय पर पानी, खरपतवार, उर्वरक, पर्याप्त मात्रा में धूप नही मिलने के कारण से शिमला मिर्च का पौधा सही से ग्रोथ नही कर पता है.