Lauki Ki Kheti | लौकी भारत में एक व्यापक रूप से खेती की जाने वाली फसल है. लौकी एक ऐसी सब्जी है जिसकी खेती समतल खेत में, पेड़-पौधे, घर की छतों पर या फिर मचान बनाकर आसानी से की जा सकती है. लौकी सामान्य तौर पर दो आकार की होती है पहली गोल लौकी और दूसरी लम्बी लौकी. गोल लौकी को पेठा तथा लम्बी लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है. हमारे भारत में लौकी की खेती सबसे ज्यादा पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार राज्य में होती है.
प्रिय किसान भाईयों, आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे है कि लौकी की खेती कैसे करे? बरसाती लौकी की खेती? देसी लौकी की खेती? लौकी की ऑर्गेनिक खेती? लौकी की खेती के लिए जलवायु? छत पर लौकी की खेती? गर्मियों में लौकी की खेती? Lauki Ki Kheti आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी आपको इस पोस्ट में ही मिलेगी.
लौकी की खेती की जानकारी
लौकी एक ऐसी कद्दूवर्गीय सब्जी है जिसकी फसल साल में 3 बार की जा सकती है. रबी, खरीफ और जायद सीजन में लौकी की खेती आसानी से की जा सकती है. इसकी खेती के लिए बलुई दोमट तथा जीवांश युक्त चिकनी मिट्टी जिसमे जल भराव न हो सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
लौकी के खेत में सही उर्वरक मात्रा के लिए पहले खेत का मिट्टी परीक्षण करवाए. इसके आधार पर ही इसकी खेती में उर्वरक की सही मात्रा तय करे. इसके अलावा, लौकी की फसल जल्द रोग्रस्त होती है. इसकी फसल में मुख्य रूप से चुर्णी फफूंद, उकथा, फल मक्खी तथा लाल कीड़ा जैसे प्रमुख रोग का ज्यादातर प्रकोप रहता है तो इनसे सावधानी बहुत जरुरी है.
हाइब्रिड लौकी की खेती
बता दे हाइब्रिड लौकी की खेती एक लाभदायक तथा आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है. हाइब्रिड लौकी की खेती करने के लिए आपको उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना होगा. ध्यान रखे कि आपको अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बीजों का चयन करना है. इसकी खेती के लिए स्थानीय कृषि विशेषज्ञों या स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लेना उपयुक्त होगा.
लौकी के उन्नत किस्मत के बीज
हमारे भारत में कई तरह की हाइब्रिड लौकी की किस्मे है. कुछ लोकप्रिय हाइब्रिड लौकी (Lauki Ki Kheti) की जानकारी नीचे दी गई है:
- परमेश्वरी लौकी
- दुर्गापुरी लौकी
- लौकी दीपिका
- पूजा लौकी 1
- अर्धापुरी लौकी
- प्रेमा लौकी
- कासला बाला लौकी
- नवीन लौकी
छत पर लौकी की खेती
घर की छत पर लौकी की खेती एक रोचक तथा उपयोगी विचार है. यदि आप भी छत पर लौकी की खेती करने का मन बना रहे है तो इसके लिए आपको निम्नलिखित विधि को पालन करना होगा:
- छत पर लौकी की खेती करने के लिए छत पर एक उच्चतम स्थान चुनना होगा, जहा पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश पहुंच सके.
- जितने क्षेत्र में आप खेती करना चाहते है उस क्षेत्र में अच्छी उपजाऊ मिट्टी डाले.
- मिट्टी में आपको उचित मात्रा में सड़ी गोबर तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद डालनी होगी.
- छत पर निर्मित खेत के आस- पास ईट लगा ले ताकि मिट्टी पानी के साथ न बहे. फिर, खाद और मिट्टी को अच्छे से मिला ले.
- इसके बाद, आपको लौकी के प्रमाणित बीजों का चयन करना है जो आपके क्षेत्र की जलवायु के लिए उचित हो.
- अब, बीज बोने से पहले छत पर निर्मित खेत को अच्छे से पानी दे. जब मिट्टी में नमी हो जाए तब आपको बीजों की बुवाई कर देनी है.
- बीज 1 सप्ताह में पूरी तरह से अंकुरित हो जाएंगे.
- इसकी खेती में आपको सिंचाई, खरपतवार तथा खाद का विशेष ध्यान रखना है.
गर्मियों में लौकी की खेती
यदि आप गर्मी के मौसम में लौकी की खेती करना चाहते है तो फिर आपको इसकी बुवाई जनवरी- फरवरी माह में कर लेनी है. इसके अलावा, इस मौसम में आपको सिंचाई पर विशेष ध्यान देना होना अन्यथा घीया के पौधे सुख सकते है. इस मौसम में आपको 6 से 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी है.
बरसाती लौकी की खेती
लौकी की खेती यदि आप बरसात में करते है तो फिर आपको इसकी बुवाई जून- जुलाई माह के बीच कर लेनी है. बरसाती लौकी की खेती में आपको मचान बना लेना चाहिए क्योंकि वर्षा के समय जमीन के स्पर्श से लौकी में दाग बन जाते है जो मंडियों में बेचने के लायक नही होती है.
लौकी की जैविक खेती
यदि आप लौकी की खेती (Lauki Ki Kheti) से अधिक पैदावार पाना चाहते है तो इसके लिए आपको खेती में जैविक खाद और कम्पोस्ट खाद की पर्याप्त मात्रा देना अनिवार्य है. खेत तैयार करते समय 200 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद अथवा 100 क्विंटल नाडेपा कम्पोस्ट, 70 क्विंटल वर्मीकम्पोस्ट प्रति एकड़ की दर से खेत में छिडकाव करे. बुआई के एक माह बाद आपको उसमे नीम का काढ़ा तथा उचित मात्रा में गौमूत्र मिलाकर फसल में 10 से 15 दिनों के अंतराल में छिड़काव करना है.
लौकी की खेती के लिए जलवायु
बता दे लौकी की खेती को किसी खास तरह की जलवायु की आवश्यकता नही होती है. वैसे, इसकी खेती में 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास का तापमान काफी अच्छा माना जाता है. बीजों को पूरी तरह से अंकुरित होने के लिए तथा पौधे को वृद्धि करने के लिए 35 डिग्री सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है.
लौकी की खेती कब करें?
समशीतोष्ण वाले प्रदेश में इसकी पैदावार अच्छी होती है. हमारे भारत देश में इसकी खेती पूरे वर्ष की जाती है परंतु अधिकतर गर्मी, बरसात के मौसम में ही लौकी की खेती की जाती है. बता दे कि सर्दी के मौसम गिरने वाला पाला इसकी उपज के लिए हानिकारक होता है.
लौकी की खेती कैसे करें?
यदि आप लौकी की खेती सही विधि से करते है तो फिर आपको अच्छी पैदावार मिल सकती है तथा आपको अच्छा मुनाफा होगा. सरल तथा सही विधि से खेती करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- इसकी खेती के लिए आपको सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की अच्छे से जुताई कर लेनी है.
- इसके बाद, आपको उचित मात्रा में खाद डालकर एक बार पुनः जुताई करनी है. इससे खाद मिट्टी में अच्छी तरह से मिश्रित हो जाएगी.
- फिर आपको पाटा की मदद से मिट्टी को समतल करना है इससे खेत में जलनिकासी की समस्या नही रहेगी.
- इसके बाद आपको उचित प्रमिणित बीजों का चयन करना है. प्रमुख किस्मो की सूची ऊपर दी गयी है.
- अब आपको बीज को अच्छे से तैयार करना है उसके बाद ही आपको बुवाई शुरू करनी है.
- बता दे कि मचान विधि से लौकी की खेती वर्तमान में ज्यादा प्रचिलित तथा फायदेमंद मानी जाती है.
गोल लौकी की खेती
जानकारी के लिए बता दे गोल लौकी की खेती भारत में व्यापक रूप से की जाती है. इसका उपयोग भोजन तथा फसली उत्पादों में किया जाता है. यह एक गर्मी की फसल होती है जिसे उच्च तापमान और सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए मिट्टी उपजाऊ तथा अच्छी ड्रेनेज वाली होनी चाहिए. इसकी बुआई का समय आमतौर पर फरवरी तथा मार्च के बीच होता है जब मौसम उष्ण हो.
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गमले में लौकी की खेती
अगर आप गमले में लौकी (Lauki Ki Kheti) की खेती करना चाहते है तो आपको आपको निम्लिखित चरणों का पालन करना होगा:
- इस विधि से खेती करने के लिए आपको सबसे पहले बड़े तथा गहरे गमले का चयन करना है.
- गमले के नीचे आपको छोटा सा छेद कर देना है ताकि गमले में ज्यादा समय तक पानी भरा न रहे.
- इसके बाद, आपको उपजाऊ मिट्टी को खाद के साथ मिलाकर गमले डाल देना है.
- फिर आपको 4 से 5 लौकी के बीज को गमले में लगाना है.
- 1 सप्ताह बाद लौकी पौधा दिखाई देने लग जाएगा.
- इसे आपको नियमित रूप से पानी, खाद देते रहना है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
लौकी का सबसे अच्छा बीज कौन सा है?
पूसा नवीन लौकी का अच्छा किस्म है. यह किस्म दोनो मौसम गर्मी तथा बारिश के लिए उपयुक्त है. इसका फल गोल और हरे रंग का होता है.
लौकी की पैदावार ज्यादा कैसे मिलेगी?
यदि आप लौकी की खेती से अच्छी पैदावार चाहते है तो फिर आपको इसके लिए सही विधि से लौकी की खेती करनी होगी तथा जैविक विधि से ही इसकी खेती करना चाहिए.
लौकी के फूल क्यों गिरते है?
लौकी के फूल परागण की विफलता के कारण गिरते है. इसके अलावा, फूल हवा- आंधी के कारण से भी गिर सकते है.
लौकी में कौन सी खाद डालनी चाहिए?
लौकी की खेती करने लिए आपको सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है. इसके लिए आपको 200 से 300 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद प्रति हेक्टर के हिसाब से डालनी है.
लौकी में फल क्यों नही आ रहे है?
लौकी में फल न आने तथा फूल के गिरने का मुख्य करना पॉलिनेशन की कमी से होता है. लौकी की खेती में आपको ज्यादा देख- रेख की जरूरत होती है.