Gulab Ki Kheti | हमारे भारत देश में फूलों की हजारों प्रजातियां है लेकिन गुलाब के फूलों की लोकप्रियता सबसे अधिक है जिसके कारण इसे फूलों का राजा भी कहा जाता है. वैसे गुलाब को कई औषधीय गुणों के कारण भी जाना जाता है. इसके फूल शीतकारक औषधीय के रूप में ज्वर एव ह्रदय की धड़कन के लिए उपयोग किया जाता है. इसके अलावा गुलाब जल, गुलाब इत्र, गुलकंद तथा पेय पदार्थ तैयार करने में भी गुलाब का इस्तेमाल होता है.
यदि आप एक जागरूक किसान है और आप खेती से अच्छा मुनाफा चाहते है तो फिर आपको गुलाब की खेती ही करना चाहिए. यदि आपको इसकी खेती की जानकारी नही है तो फिर आपके लिए आज का यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको गुलाब की खेती से जुडी विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे की- गुलाब की व्यवसायिक खेती? कश्मीरी गुलाब की खेती? सुगंधित गुलाब की खेती? हाइब्रिड गुलाब की खेती? गुलाब की खेती के उपाय? गुलाब की खेती कैसे करते हैं? Gulab Ki Kheti आदि की जानकारी आपको यहां मिलेगी.
गुलाब की खेती की जानकारी
क्या आप जानते है गुलाब का वैज्ञानिक नाम रोजा हाइब्रिडा है. देशी गुलाब का रंग लाल होता है परंतु आज के समय में हमे गुलाब कई रंगों में देखने को मिल जाते है. इसमें पीले, सफेद, लाल, नारंगी आदि रंग के गुलाब मार्केट में देखने को मिल जाते है. बता दे इन सभी रंगो के गुलाब को ग्राफ्टिंग विधि से बोया जाता है. गुलाब के पौधे बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला व पुष्पीय सुगंधित होते है. गुलाब का एक पौधा सालभर में 2 से 3 किलोग्राम फूल देता है. गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) के लिए उचित मिट्टी, उपयुक्त जलवायु तथा प्राथमिकता से भरी जगह की आवश्यकता होती है. साथ ही, गुलाब के पौधे को देखभाल की जरूरत भी ज्यादा होती है. इसकी खेती में समय- समय पर सिंचाई, खाद तथा गुड़ाई की आवश्यकता होती है.
गुलाब की खेती के लिए उत्तम जलवायु
गुलाब समशीतोष्ण जलवायु का पौधा है जिस कारण पढ़े को ज्यादा गर्म जलवायु की जरूरत नही होती. ठंडी जलवायु में इसका उत्पादन खूब अच्छा होता है क्योकि इसके लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान सही होता है. गुलाब की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन, गुलाब की खेती सदैव जल निकासी वाली भूमि में ही करनी चाहिए. परंतु ध्यान रहे मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7 के बीच में ही होना चाहिए. इस पी.एच. मान वाली मिट्टी गुलाब के फूलों के लिए सर्वोतम मानी जाती है.
हाइब्रिड गुलाब की खेती
हाइब्रिड गुलाब के किस्म की संख्या पूरे विश्व में लगभग 20 हजार से भी अधिक है परंतु कुछ किस्म का ही व्यवसायिक खेती के लिए उपयोग किया जाता है. हमारे भारत देश में पाई जाने वाली उत्तम किस्म निम्न है जोकि प्रमुख है:
- मोहानी
- प्रेमा
- पूसा सोनिया प्रियदर्शनी
- डेलही प्रिंसेज नूरजहां
- बंजारन
- डमस्क रोज
गुलाब की व्यवसायिक खेती
जानकारी के लिए बता दे गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) व्यवसायिक स्तर पर करके तगड़ा लाभ कमाया जा सकता है. गुलाब के फूल को सीधे बाजार में बेचकर मोटी कमाई कर सकते है. भारत सरकार ने भी फूलों की खेती को निर्यात हेतु प्रमुख व्यवसाय माना है. वैसे भी इस दौर में दुनियाभर में पुष्पोत्पादन का व्यापार तेजी से बढ़ता जा रहा है. पूर्वी उत्तर प्रदेशों में गेंदों, गुलदाउदी, ग्लेईयूलस, रजनीगंधा तथा गुलाब की व्यवस्यायिक खेती आसानी से की जा सकती है. सबसे पहले अमेरीका ने गुलाब की व्यापारिक तौर पर खेती की थी फिर इसके बाद, बाकी देशों ने भी गुलाब की खेती करना शुरू किया.
गुलाब की खेती कैसे करे?
यदि आप गुलाब की खेती सही तथा सरल विधि से करना चाहते है तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा. यदि आप इन चरणों का पालन करते है तो आपको इसकी खेती में किसी प्रकार की समस्या नही आएगी और उत्पादन भी अच्छा होगा:
- इसकी खेती के लिए आपको सबसे पहले पुरानी फसल के बचे हुए सभी अवशेषों को साफ कर देना है.
- इसके बाद, खेत की अच्छी तरह से जुताई करे.
- फिर खेत को लगभग 15 से 20 दिनों के लिए खाली छोड़ देना है. इससे सूर्य की गर्मी भूमि के अंदर तक अवशोषित हो जाती है.
- इसके बाद, आपको सड़ी गोबर की खाद को खेत में डालकर एक बार पुनः जुताई करनी है. इससे मिट्टी तथा खाद का अच्छे से मिश्रण हो जाएगा.
- खेत में पौधे लगाने के 1 महीने पहले नर्सरी में बीज की बुवाई करनी है. जब नर्सरी में पौधे पूरी तरह से तैयार हो जाए तब इन पौधो को खेत में लगाए.
- यहाँ ध्यान दे पौधे की दूरी कम से कम 2.5 से 4 फिट की होनी चाहिए ताकि पौधे का विकास अच्छे से हो सके.
- पौधे को लगाने का सबसे उत्तम समय शाम का माना जाता है.
- पौधे लगाने के बाद आपको इसे समय- समय पानी, खाद तथा खरपतवार देना होगा तथा इसकी खेत में देखरेख करनी की ज्यादा जरूरत होती है.
गुलाब की खेती कहां होती है?
हमारे भारत में गुलाब की खेती सबसे ज्यादा गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है. देश के इन राज्यों से भारत देश के अलावा गुलाब का विदेशी निर्यात भी किया जाता है तथा दक्षिण भारत में मंगल कार्यो में फूलों को बहुत महत्व दिया जाता है.
गेंदा गुलाब की खेती
गेंदे की बिक्री अधिक होने के कारण धार्मिक व सामाजिक उत्सवों में इसका अत्यधिक प्रयोग किया जाता है तथा इसके औषधीय गुण भी काफी है. गेंदा का पौधा 12 माह फूल देता है. गेंदा का फूल सुबह- शाम ही तोड़ना चाहिए. फलों की तुड़ाई के समय यदि खेत में नमी हो तो फूल अधिक समय तक ताजा रहता है. गेंदे में प्रायः किट- पतंगे अथवा बीमारियों का प्रकोप कम पाया जाता है क्योंकि गेंदे एक ओजस्वी पौधा है. फिर भी कभी- कभी पौधे में गलन रोग हो सकता है. इसके अलावा, गेंदा की टहनी नाजुक होने के कारण तेज वर्षा तथा आंधी से टूट जाती है इसके झुकने तथा टूटने से बचाव के लिए फूल के पौधे को बांस के डंडों का सहारा देना चाहिए.
गमले में गुलाब की खेती
आज के समय में सभी लोगो को अपने घर में गमले रखने का शौक रहता है यदि आपको भी ऐसा शौक है तो आप गुलाब का गमला (Gulab Ki Kheti) तैयार कर सकते है. इसके लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- गुलाब के गमले आपको नर्सरी में मिल जाते है. यदि आप खुद से गुलाब का पौधा लगाना चाहते है तो फिर आपको नर्सरी से केवल गमले तथा गुलाब के अच्छे पौधे अपने अनुसार खरीद लेना है.
- घर आने के बाद आपको अपने सभी गमलों के नीचे एक छोटा सा छेद करना है. इससे गमले में ज्यादा समय तक पानी भरा नही रहेगा.
- इसके बाद, आपको उपजाऊ मिट्टी गमले में डाल देनी है तथा गमले के नीचे की ओर आपको छोटे- छोटे कंकर डाल देने है.
- ध्यान रहे पहले आपको मिट्टी से गमला आधा ही भरना है. आधा भरने के बाद, आपको उसमे कम्पोस्ट खाद तथा केचुआ खाद डालकर अच्छे से मिक्स कर देना है.
- फिर पौधे की रुपाई कर देनी है.
- इसके बाद आपको पौधे में 2 दिन के अंतराल में पानी डालना है तथा महीने में 2 बार खाद भी डालना है.
कश्मीरी गुलाब की खेती
बता दे कश्मीरी गुलाब की खेती भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में प्रमुख रूप से की जाती है. यह एक वनस्पति पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम Rosa Damascena है. कश्मीरी गुलाब की खेती में उच्च ऊर्जा तथा कठिनाई का सामना किया जाता है. परंतु इन फूलो के बाजार में काफी ऊँचे दाम मिलते है इसलिए इनकी खेती भी काफी होती है. कश्मीरी गुलाब की खेती लिए उच्च तथा उष्णकटिबंधीय मौसम जरुरी होता है. इसकी खेती के लिए मिट्टी में अच्छी निकासी, मात्रिका और पानी संचयन की अच्छी क्षमता होनी चाहिए.
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गुलाब की खेती में लगने वाले रोग
किसी भी प्रकार की खेती हो उसमे रोग की समस्या जरूर आती है. इसी तरह गुलाब की खेती में लगने वाले प्रमुख रोग कुछ इस तरह है:
- पत्ती का सिकुड़ना
- रस चूसक किट का प्रकोप
- दीमक रोग
- माहू रोग
- पत्तो पर फफूंद का प्रकोप
- फूल पर इल्ली का प्रकोप
गुलाब की खेती में लागत व कमाई
गुलाब की खेती में जुताई से लेकर कटाई तक प्रति हेक्टेयर 1 से 2 लाख रुपए तक खर्च हो जाता है. लेकिन, गुलाब की खेती मे किसान को प्रति हेक्टर 3 से 5 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर आराम से कमाई भी कर सकते है. यानि किसान भाई आसानी से दोगुना मुनाफा कमा सकते है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
गुलाब की खेती कब की जाती है?
गुलाब की खेती आमतौर पर जुलाई से अगस्त के बीच की जाती है. अच्छी उत्पादन के लिए आपको सही विधि से गुलाब की खेती करनी होगी.
गुलाब के पत्ते क्यों झड़ते है?
गुलाब के पत्ते ज्यादातर गर्मी के मौसम में ही झड़ते है क्योंकि गर्मी के मौसम में हम पौधे को नियमित रूप से पानी नही देते है. जिसके कारण से पौधे की पत्तियां धीरे- धीरे सूखने लग जाती है और फिर कुछ समय के बाद वह पौधे से पूरी तरह से अलग हो जाती है.
गुलाब के फूल में कौन सा खाद डाले?
गुलाब का पौधा लगाते समय आपको उचित मात्रा में सड़ी गोबर की खाद डालना चाहिए.
गुलाब का पौधा सुख रहा हो तो क्या करे?
यदि गुलाब का पौधा दिन- प्रतिदिन सुख रहा है तो फिर आपको उसकी देखरेख अच्छे से करनी चाहिए अन्यथा वह पूरी तरह से नष्ट भी हो सकता है. पौधे को बचाने के लिए आपको उसमे नियमित रूप से पानी, खाद देते रहना चाहिए. प्रति सप्ताह आपको स्प्रे बोतल से पत्तियों पर स्प्रे करना है.
हाइब्रिड गुलाब कैसे बनाते है?
एक गुलाब के पराग को दूसरे के कलंक से जोड़कर गुलाब की नई किस्म बनाई जाती है इस प्रक्रिया को ग्राफ्टिंग कहते है. ग्राफ्टिंग विधि एक अच्छी विधि है इसके माध्यम से नई किस्म के गुलाब बना सकते है.