Dhaniya Ki Kheti | मसाला फसलों में धनिया भी अपना एक अलग ही स्थान है. इसकी खुशबू और स्वाद के कारण इसे सब्जी के साथ प्रयोग में लिया जाता है. बता दे धनिया की खेती सिर्फ 50 से 55 दिनों में ही तैयार हो जाती है. इसके तुरंत बाद ही किसान भाई कमाई करना शुरू कर सकते है. वहीं, उन्नत और हाइब्रिड किस्म के बीज की खेती से लगभग 3 से 4 बार धनिया की कटाई की जा सकती है. मसाला फसलों में धनिया की खेती करना बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि इसकी खेती कम लागत और समय में ही तैयार हो जाती है तथा मुनाफा अच्छा खासा हो जाता है.
प्रिय किसान भाईयों, यदि आप भी धनिया की खेती करने का सोच रहे हैं तो यह लेख आपको इसकी खेती से संबंधित पूरी जानकारी जुटाने में मदद कर सकता है. आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है- धनिया की खेती कैसे करे? धनिया की खेती के लिए उत्तम जलवायु? धनिया की खेती का समय? धनिया की खेती में सिंचाई? धनिया की खेती में खाद की मात्रा? धनिया की खेती में लागत व मुनाफा? Dhaniya Ki Kheti आदि सभी बिन्दुओ के बारे में.
धनिया खेती की जानकारी
भारत में धनिया की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि व्यापार है जिसे बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसकी खेती के लिए उचित जलवायु और मिट्टी का चयन करना जरुरी है. इसके अलावा धनिया के बीज को बोने से पहले, मिट्टी को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए.
धनिया की खेती के लिए उचित जलनिकासी वाली जमीन सबसे अच्छी मानी जाती है. वहीं, किसान इसकी खेती अगर बलुई दोमट मिट्टी में करे तो काफी फायदा हो सकता है. ज्यादा पानी वाली जगह पर किसान भाईयो को काली मिट्टी का चुनाव करना चाहिए. ध्यान रहे धनिया की खेती के लिए भूमि का पी.एच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
धनिया की खेती का समय
बता दे धनिया की बुवाई रबी के मौसम में की जाती है. इसकी बुआई का उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर माह के बीच होता है. अगर धनिया की खेती सही समय पर करे तो अच्छी पैदावार हो सकती है. इसके अलावा, बीज दर की बात करे तो प्रति एकड़ खेत के लिए देशी बीज 8 से 10 किलोग्राम एंव हाइब्रिड धनिया बीज 5 से 6 किलोग्राम उपयुक्त होता है.
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धनिया की खेती वाले राज्य
भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में अधिक की जाती है. जानकारी के लिए बता दे मध्य प्रदेश में धनिया की खेती 1,16,607 हेक्टेयर में होती है जिससे लगभग 1,84,702 टन उत्पादन प्राप्त होता है. वहीं, भारत धनिया का प्रमुख निर्यातक देश है.
धनिया की खेती के लिए उचित जलवायु
बता दे धनिया का पौधा शीतोष्ण जलवायु वाला होता है, इसलिए इसकी फसल शुष्क और ठंडी जलवायु में की जाती है. धनिये के पौधों पर बीज आने के दौरान हल्की सर्दी की आवश्यकता होती है, इससे बीज खुशबूदार और उच्च गुणवत्ता वाले प्राप्त होते है. वैसे, सर्दियों में गिरने वाला पाला इसकी फसल को अधिक हानि पहुंचाता है. बता दे धनिये के पौधे अधिकतम 20 डिग्री तथा न्यूनतम 35 डिग्री तापमान को सहन कर सकते है.
धनिया की उन्नत किस्में
भारत में धनिया की खेती (Dhaniya Ki Kheti) से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए आपको क्षेत्र की जलवायु एवं मिट्टी के अनुसार ही अनुमोदित किस्मों का चयन करना चाहिए. धनिया की कई किस्में बाजार में उपलब्ध है जिसकी जानकारी आपको नीचे दी गई है:
- RCR 435
- RCR 446
- RCR 480
- RCR 684
- सिम्पो एस 33
- ACR 1
- गुजरात धनिया 2
- RCR 728
- पंत हरीतिमा
- पूसा 360
- JD 1
गर्मी में हरे धनिया की खेती
बता दे गर्मी के मौसम में बहुत से किसान धनिया की खेती (Dhaniya Ki Kheti) करते है लेकिन बहुत ज्यादा गर्मी और कई कारणों के चलते फसल अच्छी नही हो पाती है और किसानों को नुकसान होता है. लेकिन आप आसानी के साथ इस नई विधि से गर्मी में हरे धनिये की खेती कर सकते है.
धनिये की खेती लगाने से पहले आपने खेत को अच्छी से तैयार कर लेना है. इसके लिए खेत की अच्छे से जुताई करे, ऐसा करने से आपके खेत की वाटर होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ जाएगी. गर्मी के मौसम में आपके खेत की वाटर होल्डिंग कैपेसिटी जितनी ज्यादा होगी आपको उतनी ही उत्तम पैदावार मिलेगी. जुताई करने के बाद आप अपने खेत में लगभग 3 से 4 ट्राली देसी सड़ा गला गोबर की खाद जरूर डाले. इसके अलावा, यदि आप गर्मी के मौसम में धनिये की खेती (Dhania Ki Kheti) करते है तो फिर आपको समय समय पर पानी, खरपतवार, खाद देना जरुरी होगा.
बारिश में धनिया की खेती
वैसे तो धनिया की खेती सालभर की जा सकती है, लेकिन बारिश वाले मौसम के दौरान बाजार में इसकी उपलब्धता बहुत कम होती है और मांग अधिक होती है. यदि आप बरसात में धनिया की खेती करते है तो इसकी खेती से बहुत अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. इन दिनों में हरी धनिया की मांग इतनी बढ़ जाती है कि यह बाजार में 250 से 300 रुपए प्रति किलोग्राम बिकता है.
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धनिया की खेती कैसे करें?
यदि आप धनिया की खेती (Dhaniya Ki Kheti) सही तरीके से करते है तो इससे आपको अच्छी पैदावार मिलेगी. अगर आप इसकी खेती करना चाहते है तो निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करे:
- धनिया की खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई करे.
- इसके बाद, खेत में प्रति हेक्टेयर 8 से 10 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद डाले.
- गोबर खाद डालने के बाद आपको एक बार पुनः जुताई कर देनी है ताकि मिट्टी और खाद अच्छे से मिल सके.
- इसके बाद, आपको एक हल्की सिंचाई कर पलेव कर देना है.
- अब आखरी जुताई के समय खेत में जिंक सल्फेट, फास्फोरस, पोटाश और नाइट्रोजन की मात्रा को 2:2:1:2 के अनुपात से खेत में छिड़क देना है.
- इसके बाद, अब आपको रोटावेटर की मदद से खेत की 2 से 3 तिरछी जुताई कर देनी है.
- इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाती है, मिट्टी के भुरभुरा हो जाने के बाद पाटा लगाकर भूमि को समतल कर दे.
- इसके बाद, उन्नत किस्म के बीज चयन करके बुवाई कर देनी है.
- अब बुवाई के तुरंत बाद आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
धनिया की वैज्ञानिक खेती
हमारे भारत देश में धनिया की वैज्ञानिक खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके होते है, जैसे कि- उचित बीज और मिट्टी का चयन, समय पर पानी और कीट प्रबंधन, उपयुक्त खादों का प्रयोग. धनिया की वैज्ञानिक खेती एक लाभदायक फसल है जो भारत के विभिन्न भागों में उगाई जाती है. इसके बीजों से धनिया पाउडर बनाया जाता है जो खाने के स्वाद को और भी स्वादिष्ट बना देता है. वहीं, धनिया के पत्ते भी खाने के व्यंजनों में उपयोग किए जाते है. धनिया की खेती को वैज्ञानिक तरीके से करने से फसल की उप्तपादकता में सुधार होता है और लाभ भी अधिक होता है.
धनिया की जैविक खेती
अगर आप धनिया की जैविक खेती करना चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती जैविक विधि से करनी चाहिए. जानकारी के लिए बता दे कि जैविक खेती एक सुरक्षित तरीका है जिसमे केवल प्राकृतिक तत्वों का ही उपयोग किया जाता है. इसमें केमिकल तथा कीटनाशकों का उपयोग बिलकुल भी नही किया जाता. धनिया की जैविक खेती कुछ इस तरह से करे:
- धनिया की बिजाई से 8 से 10 दिन पहले ही दो से तीन बार रोटावेटर या कल्टीवेटर की मदद से खेत की जुताई कर देनी चाहिए.
- इसके बाद, लगभग 5 से 7 दिनों तक खेत को अच्छी तरह से धूप लगने के लिए खाली छोड़ दे.
- ध्यान रखे कि खेत की तैयारी से पहले जैविक खाद या पकी हुई गोबर की खाद का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करे क्योंकि धनिया की खेती जैविक रूप से करने पर अच्छा उत्पादन देती है.
- इसमें लगभग 70 से 80 फीसदी खाद बीज उर्वरक जैविक या प्राकृतिक ही प्रयोग में लिए जाते है. प्रति एकड़ के हिसाब से 1.5 से 2 ट्राली पकी हुई गोबर की खाद डालनी होती है.
धनिया की खेती में सिंचाई
यदि धनिया के बीजों की रोपाई कम नमी वाली भूमि में की गई है, तो उन्हें रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसके अतिरिक्त, यदि बीजों की रोपाई नमी वाली भूमि में की गई है तो आवश्यकता के अनुसार ही पानी दे. धनिया के पौधों को अधिकतम 5 से 7 सिंचाई की आवश्यकता होती है. यदि आप धनिया की खेती गर्मी में करते है तो फिर आपको सप्ताह में एक बार, सर्दी में खेती करने पर 10 से 15 दिनों के अंतराल पर तथा बारिश में इसकी फसल को पानी की आवश्यकता नही होती है.
धनिया की खेती में खाद
बुवाई के समय 10 किलोग्राम DAP और 15 किलोग्राम पोटाश, 25 से 30 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से बुवाई के समय डालना चाहिए. धनिया को 15 से 20 दिन हो जाए तब उसमे NPK 19:19:19 को एक किलोग्राम पानी में घोल बनाकर स्प्रे प्रति एकड़ से कर देना चाहिए.
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धनिया की खेती से लाभ
बता दे धनिया की खेती से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है. इनमे से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:
- धनिया एक लाभकारी फसल है जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है.
- धनिया की पत्तियां तथा इसके बीज आवश्यक पोषण तत्वों से भरपूर होते है, जिसका सेवन करने से स्वास्थ्य को लाभ मिलता है.
धनिया की खेती में लागत व कमाई
बता दे धनिया की उपज इसकी किस्म, खेत की मिट्टी, खाद एवं देखभाल पर निर्भर करती है. आमतौर पर इसकी पैदावार लगभग 15 से 20 क्विंटल/ प्रति हेक्टेयर तक होती है. वैसे, इसकी उपज पूरी तरह से इसकी किस्म पर निर्भर करती है.
अगर धनिया की खेती में लागत की बात करे तो, 30 से 40 हजार रुपए/ प्रति हेक्टेयर की लागत हो सकती है. वर्तमान समय में धनिया का न्यूनतम भाव लगभग 5000 से 7000 रूपए/ प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है. इस हिसाब से किसान धनिया की खेती करके आसानी से 1 से 1.5 लाख रुपए/ प्रति हेक्टेयर का मुनाफा कमा सकता है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
1 बीघा में धनिया का बीज कितना लगता है?
यदि आप धनिया की खेती एक बीघा खेत में करते है और अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर बीज बुवाई के समय लगभग 20 से 25 किलोग्राम बीज प्रयाप्त है.
धनिया कितने दिन में उगता है?
धनिया बुवाई के अगले 10 से 12 दिनों में पूर्ण रूप से अंकुरित होकर भूमि से हल्का बाहर निकल जाता है.
धनिया को अंकुरित होने में कितने दिन लगते है?
धनिया को अंकुरित होने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है. वैसे, कई किस्म ऐसी है जो 4 से 5 दिनों में ही अंकुरित हो जाती है.
धनिया में सल्फर कब डालना चाहिए?
धनिया में सल्फर डालने का सही समय शाम का होता है. एक लीटर सल्फर को 1000 लीटर पानी में अच्छी तरह से मिलाकर फसलों में छिड़काव करे.
धनिया की बुवाई कौन से महीने में करनी चाहिए?
धनिया की फसल रबी मौसम में बोई जाती है. धनिया बोने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर तक है.