Apple Ber Ki Kheti | भारत वर्ष में पाए जाने वाले फलों में एप्पल बेर एक प्राचीनतम अर्द्ध शुष्क और शुष्क फलों में से एक है. इसका पौधा कांटेदार होता है. वैसे, किस्मों के आधार पर पौधों की लंबाई भिन्न- भिन्न हो सकती है. किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें बागवानी को काफी प्रोत्साहित कर रही है. इसी तरह, किसान भी अब बागवानी फसलो के लाभ को देखते हुए इन्हें प्राथमिकता देने लगे है. एप्पल बेर की खेती से किसान को कम लागत में अधिक फायदा होता है क्योंकि बाजार में एप्पल बेर के भाव अन्य फलों की अपेक्षा में काफी ज्यादा होता है. वैसा देखा जाए तो सेब की बाजार मांग हमेशा बनी रहती है.
एप्पल बेर की खेती भी मुनाफे वाली खेती में से एक है. अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको- एप्पल बेर की खेती कैसे करे? एप्पल बेर की खेती के लिए उत्तम जलवायु? एप्पल बेर की खेती में सिंचाई? एप्पल बेर की खेती के लाभ? Apple Ber Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी देंगे.
एप्पल बेर की खेती की जानकारी
बता दे एप्पल बेर का वैज्ञानिक नाम “जिजिफस मोरीसियाना” है, जो “रैहमनेसी” कुल का सदस्य है. एप्पल बेर की खेती फलों की खेती में विशेष महत्व रखती है. एप्पल बेर को अंग्रेजी में “Indian Jujube” भी कहते है. एप्पल बेर की खेती से किसान अच्छी आमदनी कर सकते है, लेकिन सही देखभाल, प्रबंधन और गुणवत्ता की खेती के नियमों का पालन करना जरुरी होता है.
एप्पल बेर की खेती उपजाऊ तथा बंजर दोनों प्रकार की भूमि में की जा सकती है. परंतु, आपको इस बात का ध्यान रखना है कि भूमि जलभराव वाली न हो. बता दे कि बेर के पौधे अधिक समय तक नमी में रहने से खराब हो जाते है. वैसे, एप्पल बेर की खेती आपको 6 से 7 पी.एच मान वाली बलुई दोमट मिट्टी में ही करना चाहिए.
एप्पल बेर की खेती के लिए उत्तम जलवायु
सर्दियों का मौसम एप्पल बेर की खेती के लिए उपयुक्त नही माना जाता है क्योंकि ठंड में इसका पौधा उत्पादन क्षमता खो देता है. गर्मी तथा बारिश का मौसम एप्पल बेर की खेती (Apple Ber Ki Kheti) के लिए सर्वोत्तम होता है. एप्पल बेर के पौधों के लिए आरंभ में 20 से 25 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है तथा पौधे विकास के लिए 25 से 35 डिग्री तापमान को उचित माना जाता है. वैसे, इसका पौधा अधिकतम 45 डिग्री तापमान को ही सहन कर सकता है.
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एप्पल बेर की खेती का समय
शुष्क क्षेत्र में पौधे लगाने का सबसे उपयुक्त समय वर्षा ऋतु (जुलाई से अगस्त माह) है. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो बसंत ऋतु (फरवरी से मार्च माह) में भी पौधे का रोपण किया जा सकता है.
एप्पल बेर की खेती वाले राज्य
भारत में एप्पल बेर की खेती उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, गुजरात, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में अधिक की जाती है.
एप्पल बेर की उन्नत किस्मे
भारत देश में एप्पल बेर की विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्मों की खेती की जाती है. किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही एप्पल बेर की किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि अच्छा उत्पादन मिले. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी निचे दी गयी है:
- कश्मीरी एप्पल बेर
- थाई एप्पल बेर
- छुहारा
- गोमा कीर्ति
- कैथली
- सेव बेर
- बनारसी कडाका
- उमरान
इनके अलावा भी एप्पल बेर की कई किस्में हैं, जिन्हें अगेती और पछेती पैदावार के लिए भिन्न-भिन्न स्थानों में उगाया जाता है.
एप्पल बेर की खेती कैसे करें?
बता दे एप्पल बेर की खेती (Apple Ber Ki Kheti) करने के लिए उत्तम विधि का पालन करे. इस विधि से आप इसकी खेती भी आसानी से कर सकते है और आपको खेती में किसी तरह की समस्या भी नही आएगी. निचे दिए गए चरण फॉलो करे:
- एप्पल बेर के पौधे को खेत में लगाने से पहले, खेत की अच्छी तरह से 2 से 3 बार गहरी जुताई कर ले.
- इसके बाद, आपको खेत में रोटावेटर चला देना है. इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी.
- इसके कुछ ही दिनों बाद, 15 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद को प्राकृतिक खाद के रूप में डाल देना है.
- फिर आपको पाटा की मदद से खेत को समतल करना है. समतल करने से आपको जलभराव जैसी समस्या नही होगी.
- समतल करने के बाद आपको 7 से 8 फिट की दूरी रखते हुए गड्डे खोद लेने है. ध्यान रहे कि प्रत्येक गड्डे कम से कम 2 फिट गहरे तथा 2 फिट चौड़े होने चाहिए.
- आपको यह सभी गड्डे पौधे की रोपाई से 20-25 दिन पहले ही तैयार कर लेने है.
- इसके अलावा, एप्पल बेर की खेती में पौधों की रोपाई के समय जैविक खाद ही डाले.
- इसके बाद, इन गड्डो में एप्पल बेर के पौधे लगा दे. वैसे, आप सीधे पौधे खरीद के भी लगा सकते हो.
- अब आपको समय- समय और जरुरत के हिसाब से सिचाई करनी है. वैसे, सिंचाई ड्रिप विधि से करनी बेहतर होगी.
- एप्पल बेर की खेती के लिए कोई खास देखभाल की जरूरत नही होती है. फिर भी जरूरत के अनुसार समय- समय पर निराई का काम करे.
थाई एप्पल बेर की खेती
बता दे थाई एप्पल की खेती एक लाभकारी कृषि प्रथा है, अक्सर थाइलैंड और अन्य एशियाई देशों में इस किस्म के बेर की खेती की जाती है. थाई एप्पल का पेड़ एक छोटा पेड़ होता है जिसके फल मीठे और स्वादिष्ट होते है. इसकी खेती आमतौर पर गर्मियों के दिनों में होती है. थाई एप्पल बेर की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है क्योकि यह किस्म टेस्ट के मामले में नंबर 1 होती है.
रेड एप्पल बेर की खेती
बता दे रेड एप्पल बेर की खेती एक रोचक और फायदेमंद कृषि है. रेड एप्पल फल मीठे तथा स्वादिष्ट होते है, इसकी खेती में विशेष ध्यान और सावधानी की जरूरत होती है. पहले कदम के रूप में, बीजों का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है जिन्हे उचित गुणवत्ता और पैमाने के अनुसार चुना जाता है. बीजों को बुवाई के लिए तैयार करके उन्हें सुरक्षित और उचित दूरी पर प्लांट किया जाता है. इसके बाद, पौधों को नियमित रूप से पोषण देना और सिंचाई करना महत्वपूर्ण होता है. साथ ही, इस फसल में रोग और कीट प्रबंधन में भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.
कश्मीरी एप्पल बेर की खेती
बता दे कश्मीरी एप्पल बेर एक प्रकार का लाल अपूर्ण फल है, जो कश्मीरी घाटी के क्षेत्र में पाया जाता है. भारत देश के उष्णकटिबंधीय, अर्ध शुष्क और उप-आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी ग्राफ्टिंग पौधे काफी चर्चा में बने हुए है. कश्मीरी बेर का पौधा लगभग 18 माह के बाद फल देने लग जाता है. जब पौधे पर बेर लगते है तब बेर हरे रंग के होते है और जब पौधे पर बेर पक जाते है तब यह लाल रंग के बेर में बदल जाते है.
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एप्पल बेर की कलम
भारत में एप्पल बेर के पौधे को आप बीज और कलम के माध्यम से भी तैयार कर सकते है. बीज के द्वारा पौधे देर से पैदावार देना शुरू करते है जिस वजह से पौधों को कलम द्वारा तैयार करना ज्यादा उपयुक्त होता है. कलम का रोपण करने के लिए कलम को पॉलिथीन में रखते है, इसके बाद जब पौधा तैयार हो जाए तो उसे तैयार खेत के गड्डे में लगा दे.
एप्पल बेर की खेती से लाभ
भारत में एप्पल बेर की खेती (Apple Ber Ki Kheti) से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है. इससे मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:
- इन दिनों बाजार में एप्पल बेर की मांग काफी बढ़ रही है जिससे आप अच्छा मूल्य प्राप्त कर आर्थिक लाभ कमा सकते हो.
- एप्पल बेर के पेड़ ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करते है.
- एप्पल बेर सेहत के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें विटामिन, एंटीऑक्साइड्स और फाइबर होता है जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है.
एप्पल बेर की खेती में खाद
बता दे एप्पल बेर की खेती में खाद की अहम भूमिका होती है. खाद खेती के सफल होने के लिए आवश्यक होती है क्योंकि यह पौधों को आवश्यक पोषण प्रदान करती है. एप्पल बेर के पौधे को मिनरल तत्वों की आवश्यकता होती है. एप्पल बेर के पौधे को 500 ग्राम नाइट्रोजन, 250 ग्राम फास्फोरस, 750 ग्राम पोटैशियम/ प्रति पौधे के हिसाब से दी जा सकती है.
एप्पल बेर की खेती में रोग
भारत में एप्पल बेर की खेती (Apple Ber Ki Kheti) में रोग तथा कीट लगने से फल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसीलिए समय पर इसका नियंत्रण करना अति आवश्यक होता है. बेर में फलमक्खी, फलछेदक, चेफर बिटील, दीमक तथा फल सड़न आदि रोग से भारी नुकसान हो सकता है. परंतु, फलों को सबसे अधिक नुकसान फलमक्खी कीट और छछिया रोग के प्रकोप से ही होता है. इसके बचाव के लिए आप नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेवे.
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एप्पल बेर की खेती में सिंचाई
बेर के पौधों को कुछ खास सिंचाई की जरूरत नही होती है किंतु, शुरुआत में पौधे विकास के लिए पानी देना जरुरी होता है. इस दौरान, बेर के पौधों को बुवाई के तुरंत बाद पानी देना चाहिए. जब पौधा विकास करने के लिए तैयार हो जाए तब उसे गर्मी के मौसम में सप्ताह में 1 बार पानी अवश्य दे और सर्दी के मौसम में 15 से 20 दिनों के अंतराल में पानी दे. मानसून के समय जब समय पर वर्षा न हो तो फिर एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
एप्पल बेर की खेती में लागत व कमाई
बता दे एप्पल बेर का पौधा बुवाई के लगभग 3 वर्ष बाद फल देना शुरू कर देता है. इसका पूर्ण विकसित पौधा 70 से 80 किलोग्राम फल का उत्पादन देता है. भारतीय मंडी तथा बाजार में एप्पल बेर की कीमत लगभग 40 से 50 रुपए/ प्रति किलोग्राम होती है.
इसके चलते किसान भाईयों को कम से कम 25 से 30 रुपए प्रति के हिसाब से भाव मिल ही जाता है. इस हिसाब से इसके एक पेड़ से 2000 रुपए की कमाई आसानी से की जा सकती है. वही, एक हैक्टेयर के खेत में लगभग 700 से 800 एप्पल बेर के पौधे को लगाया जा सकता है. इस तरह से किसान एप्पल बेर की खेती से 12 से 16 लाख रुपए/ प्रति हेक्टेयर की मोटी कमाई कर सकते है. अगर 2 लाख खर्चे को भी हटा दे तो किसान भाई इस फसल से 10 लाख का शुद्ध मुनाफा कमा सकते है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
एप्पल बेर क्या होता है?
एप्पल बेर जिसे अंग्रेजी में “Apple Berry” कहा जाता है. यह फल छोटे आकार का होता है और इसका रंग लाल या पीला हो सकता है. एप्पल बेर दिखने में सेब जैसा ही होता है.
सबसे मीठा बेर कौन सा है?
सबसे मीठे बेर “मिराबेले प्लम” है. यह बेर अन्य किस्म के बेर से काफी ज्यादा मीठे और गुणकारी होते है. इस बेर का नियमित सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.
एप्पल बेर के पौधे कहा मिलेंगे?
एप्पल बेर के पौधे आपको नजदीकी नर्सरी में आसानी से मिल जाएंगे. अलग- अलग नर्सरी में एप्पल बेर के पौधे का भाव अलग- अलग होता है.
बेर में कौनसा विटामिन है?
बेर में Vitamin C भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. इसके अलावा, एप्पल बेर में मैग्नेशियम, कैल्सियम, आयरन, फास्फोरस, सोडियम और जिंक भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है.
बेर कितने प्रकार के होते है?
हमारे भारत देश में बेर की लगभग 125 से भी ज्यादा किस्में उगाई जाती है. किसान भाई अपने अनुसार उपयुक्त जलवायु तथा मिट्टी के अनुसार बीज या पौधे का चयन कर सकते है.