Ananas Ki Kheti | हमारे भारत देश में अनानास की खेती व्यवसायिक खेती के रूप में की जाती है. बता दे, अनानास को भारत में फलों का राजा भी कहते है क्योंकि यह स्वाद के कारण दुनियाभर में सबसे अच्छे फलों में से एक है. इसका पौधा कैक्टस प्रजाति का होता है जिसे अंग्रेजी में “Pineapple” कहते है और इसका वैज्ञानिक नाम “अनानस कोमोसस” है. अनानास की खेती से किसान को कम लागत में अधिक फायदा होता है क्योंकि भारतीय बाजारों और मंडियों में अनानास का भाव अन्य फलों की अपेक्षा में काफी ज्यादा होता है. वैसा देखा जाए तो अनानास की बाजार मांग हमेशा बनी रहती है.
अनानास की खेती भी मुनाफे वाली खेती में से एक है. अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है. इस लेख में हम आपको- अनानास की खेती कैसे करे? अनानास की खेती के लिए उत्तम जलवायु? अनानास की खेती में सिंचाई? अनानास की खेती में खाद? अनानास की खेती जैविक खेती? अनानास की खेती के लाभ? Ananas Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी देंगे.
अनानास की खेती से जुडी जानकारी
भारत देश में अनानास की खेती एक महत्वपूर्ण और लाभकारी कृषि प्रणाली है जो विभिन्न क्षेत्रों में की जा रही है. यह फल गर्म और उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों में प्रमुख रूप से उत्पन्न होता है. अनानास की खेती से किसान अच्छी आमदनी कर सकते है, लेकिन सही देखभाल, सही उर्वरक का उपयोग, प्रबंधन और गुणवत्ता की खेती के नियमों का पालन करना जरुरी होता है.
अनानास की खेती के लिए अधिक जीवांश वाली बलुई दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी होती है. इसके अलावा, जलभराव वाली भूमि में इसकी खेती नही करनी चाहिए. ध्यान रहे, इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 7 के बीच ही होना चाहिए.
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अनानास की खेती का समय
बता दे, अनानास की खेती साल में 2 बार की जा सकती है. पहली बार इसकी खेती जनवरी से मार्च माह में होती है तथा दूसरी बार इसकी खेती मई से जुलाई के बीच की जा सकती है. इसके अलावा, जिन क्षेत्रों में नमी युक्त मध्यम गर्म जलवायु होती है ऐसे क्षेत्रों में इसकी खेती बारह माह भी की जा सकती है.
अनानास की खेती वाले राज्य
हमारे भारत देश में अनानास की खेती मुख्य रूप से केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, त्रिपुरा, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और मिजोरम में होती है. इसके अलावा केरल, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इसकी खेती 12 माह होने लगी है.
अनानास की खेती के लिए जलवायु
बता दे, अनानास के बीज या पौधे शुरुआती समय में लगभग 20 डिग्री के तापमान पर अच्छे से अंकुरित होते है. इसके बाद, पौधों को विकास हेतु सामान्य तापमान की ही आवश्यकता होती है. वैसे, इसके पौधे विकास के समय अधिकतम 35 डिग्री तापमान सहन कर सकते है परंतु इससे अधिक तापमान पौधों के लिए हानिकारक होता है.
अनानास की वैज्ञानिक खेती
हमारे देश में अनानास की वैज्ञानिक खेती एक महत्वपूर्ण विषय है जो किसानों को उत्तम उत्पादकता और आदर्श गुणवत्ता के साथ अनानास पैदा करने की कला सिखाती है. इस विषय में वैज्ञानिक तथ्यों का सही से पालन करना, बीज से लेकर पूरे वृक्ष के सही देखभाल जरुरी है. विभिन्न जलवायु और भूमि स्तरों पर अनुसंधान करने के बाद तकनीकी उन्नति के साथ अनानास की वैज्ञानिक खेती उत्कृष्ट उत्पादकता और आर्थिक समृद्धि में सहायक हो सकती है.
अनानास की उन्नत किस्म
भारत में अनानास की अधिक पैदावार देने वाली उन्नत किस्में निम्लिखित है:
- रैड स्पैनिश
- क्वीन
- मॉरिशस
- जायनट क्यू
- जलधूप
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अनानास की खेती कैसे करे?
यदि आप अनानास की खेती से अच्छी कमाई और उत्पादन प्राप्त करना चाहते है, तो आपको इसकी खेती सही विधि से करनी होगी. निचे दिए गए स्टेप से आप अनानास की खेती (Ananas Ki Kheti) आसानी से कर सकते है:
- अनानास की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले इसके पौधे तैयार कर लेने है. आप चाहे तो नर्सरी में भी इसके पौधे तैयार कर सकते है या फिर पौधे खरीद कर भी लगा सकते है.
- इसके बाद, आपको खेत अच्छे से तैयार कर लेना है.
- इसके लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करे. खेत की अच्छी तरह से जुताई करने पर पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते है.
- गहरी जुताई के बाद, खेत में पुरानी गोबर की खाद को डालकर, रोटावेटर की मदद से एकबार पुनः जुताई कर ले.
- अब मिट्टी को समतल कर ले ताकि जलभराव की समस्या न हो.
- इसके बाद, पौधों की रोपाई के लिए गड्डे तैयार कर ले.
- खेत में तैयार किए गए गड्डे के बीच कम से कम 8 फिट की दूरी अवश्य रखे.
- गड्डे का आकार लगभग 55 सेंटीमीटर चौड़ा और लगभग 45 सेंटीमीटर गहरा होना चाहिए.
- इसके बाद गड्डे में गोबर की खाद को मिट्टी में मिला दे और पौधे लगा दे.
- पौधे रोपाई के तुरंत बाद ही आपको पहली सिंचाई कर देनी है.
- इसके बाद, जब भी फसल में खरपतवार नजर आए तब आपको तुरंत ही निराई- गुड़ाई करवा लेनी है.
- गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों को उपयुक्त मात्रा में हवा मिलने लगती है.
- वहीं, अब समय- समय पर सिंचाई, खरपतवार, खाद का ध्यान रखे.
अनानास की खेती के लाभ
यदि आप अनानास की खेती करते है तो इससे आपको कई लाभ हो सकते है. नीचे कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी दी है जो कुछ इस प्रकार से है:
- अनानास की मांग बाजार में बहुत ज्यादा है जिससे किसान भाइयों को अच्छा दाम मिल जाता है.
- अनानास के अंदर उपस्थित पोषक तत्व मानव शरीर के लिए काफी लाभदायक होते है.
- अनानास की खेती वाले क्षेत्रों में छोटे श्रमिक लोगों को रोजगार का भी अवसर मिलता है.
अनानास की खेती में खाद
बता दे, अनानास की अच्छी उपज लेने के लिए आवश्यक उर्वरक की जरूरत होती है. इसमें सबसे पहले जुताई के समय उचित मात्रा में सड़ी गोबर की खाद मिट्टी में मिला देनी चाहिए. इसके अलावा, नाइट्रोजन 16 ग्राम और पोटाश 2.5 ग्राम प्रति पौधा/ प्रति वर्ष देना चाहिए. नाइट्रोजन के लिए अमोनियम सल्फेट उर्वरक उत्तम है. उर्वरक को पौधों के चारो ओर छिटक कर भूमि में मिला देना चाहिए तथा उर्वरक की पहली मात्रा रोपाई के 60 से 70 दिनों के बाद ही देनी चाहिए.
अनानास की खेती में सिंचाई
हमारे देश में अनानास की खेती (Ananas Ki Kheti) में पौधों को अधिक सिंचाई की जरूरत होती है इसलिए पौधों की रोपाई के तुरंत बाद ही हलकी सिंचाई कर देनी चाहिए. वैसे, सिंचाई ड्रिप विधि से ही करनी चाहिए. गर्मी के मौसम में इस फसल की 4 से 5 दिनों के अंतराल में सिंचाई कर देनी चाहिए. वहीं, ठंड के मौसम में 8 से 10 के अंतराल में सिंचाई कर देनी चाहिए और बारिश में इसके पौधे को सिंचाई करने की जरूरत नही होती है.
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अनानास की खेती में लागत व कमाई
बता दे, अनानास के पौधे रोपाई के लगभग 1.5 से 2 वर्षो में ही फल देने के लिए तैयार हो जाते है. जब इसके पौधे में लगने वाली पत्तियां पीली दिखाई देने लगती है, तब इसके फलों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए.
भारतीय बाजारों और मंडी में इसके फल लगभग 80 से 100 रुपए/ प्रति किलोग्राम है तथा इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर लगभग 2 से 3 लाख रुपए की लागत आती है. वहीं, 1 एकड़ में करीबन 200 से 250 क्विंटल अनानास की पैदावार होती है. अगर कमाई की बात करे तो, इसके हिसाब से यदि किसान 1 एकड़ में अनानास की खेती (Ananas Ki Kheti) करे तो करीबन 12 से 15 लाख रुपए की कमाई आसानी से कर सकता है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
अनानास का बीज कहा मिलेगा?
अनानास का कोई बीज नही होता है क्योंकि इसके फल के ऊपरी हिस्से यानी अनानास के ताज की रोपाई की जाती है.
अनानास के कितने पत्ते होते है?
अनानास के पौधे में 30 से अधिक संकीर्ण, मांसल, गर्त के आकार की पत्तियां होती है जो लगभग 40 से 80 सेंटीमीटर लंबी होती है.
एक पौधा कितने अनानास पैदा करता है?
जानकारी के लिए बता दे, अनानास के प्रति पौधे में से केवल 1 ही अनानास फल मिलता है.
अनानास खाने से कौन सी बीमारी दूर होती है?
अनानास खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है क्योंकि इसमें Vitamin C की भरपूर मात्रा पाई जाती है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लाभकारी है.
अनानास का असली रंग क्या होता है?
अनानास का असली रंग हरा-पीला होता है. यदि अनानास का रंग हरा-पीला हो जाए तो समझ लीजिये यह अच्छी तरीके से पका हुआ है.