Moong Ki Kheti | मूंग एक दलहनी फसल है जिसे कम मेहनत और कम पानी में आसानी से उगाया जा सकता है. मूंग की खेती आमतौर पर तीनों मौसम में की जाती है लेकिन, गर्मियों में मूंग खेती करना ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि इस समय फसल में रोग लगने की ना के बराबर रहती है. भारत के लगभग सभी राज्यों में मूंग की खेती होती है परंतु सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा उड़ीसा राज्य में इसकी खेती होती है.
आज का हमारा यह लेख उन सभी किसान भाईयों के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है जो मूंग की खेती करना चाहते है. इस लेख में हम आपको मूंग की खेती से जुडी सभी आवश्यक जानकारी देंगे, जैसे कि मूंग की खेती कैसे करें? हरी मूंग की खेती? मूंग की खेती कितने दिन की होती है? मूंग की खेती से लाभ? मूंग की उन्नत ऑर्गेनिक खेती? मूंग की खेती से कमाई? आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी आपको यहां मिलेगी.
मूंग की खेती की जानकारी
मूंग की आधुनिक खेती उस प्रक्रिया की ओर संकेत करती है जिसमें उचित विज्ञान, तकनीक और व्यवस्थापक का उपयोग करके मूंग के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाता है. आधुनिक खेती तकनीकी जैसे सिंचाई का प्रयोग, खाद उपयोग, उन्नत खेती मशीनरी और प्रजनन प्रणालियों का उपयोग करके मूंग फसल की उत्पादन को बढ़ावा दिया जाता है.
मूंग की खेती कैसे करें?
भारतवर्ष में काफी किसान मूंग की खेती करते है परंतु उन्हें अच्छी उपज नही मिल पाती. इसका अहम कारण मूंग की खेती करने की सही जानकारी नही होना है. यदि आप सही ढंग से मूंग खेती करना चाहते है तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- यदि आप मूंग की खेती करना चाहते है तो आपको सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है.
- इसके लिए आपको खेत में एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर के 2 से 3 बार कल्टीवेटर या फिर देशी हल से जुताई करवा लेनी है.
- फिर आवश्यकता अनुसार सड़ी गोबर की खाद डाले या फिर आप डीएपी उर्वरक का भी इस्तेमाल कर सकते है.
- अब आपको पाटा चला कर खेत को समतल कर लेना है.
- जब खेत पूरी तरह से तैयार हो जाए तो फिर अपको प्रमाणित बीज का चयन कर लेना है. मूंग के प्रमाणित बीज के बारे में निचे जानकारी दी गयी है.
- इसके बाद, आपको बीज लगा देना है. लगभग 8 से 10 दिनों में बीज पूरी तरह से अंकुरित हो जाएंगे और फिर कुछ दिनों में मूंग का पौधा बाहर निकलने लग जाएगा.
- मूंग की खेती में खरपतवार तथा रोगों का भी विशेष ध्यान रखना होगा.
मूंग की उन्नत किस्म के बीज
मूंग फसल की कई ऐसी उन्नत किस्में है जिनकी खेती कर किसान ज्यादा से ज्यादा उपज प्राप्त कर सकते है. आइए मूंग की उन्नत किस्म के बीज के बारे में जानते है:
- आर.एम.जी- 62
- आर.एम.जी- 344
- पूसा विशाल किस्म
- जी.एम.- 4
- आर.एम.एल- 668
- पुसा बैसाखी
मूंग की खेती में खाद
मूंग एक दलहनी फसल है इसलिए इसमें ज्यादा नाइट्रोजन की जरूरत नही पड़ती है. फिर भी, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस व 20 किलोग्राम पोटाश की मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के समय देना फायदेमंद होगा. फॉस्फोरस की पूर्ति के लिए 100 किलोग्राम DAP प्रति हेक्टेयर का भी उपयोग कर सकते है.
खरीफ में मूंग की खेती
मूंग मुख्य रूप से खरीफ की फसल के रूप में उगाई जाती है. यह फसल आमतौर पर 60 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. जो भी किसान खरीफ सीजन में मूंग की फसल लगाना चाहते है वो खेतों में 2 से 3 बार वर्षा होने पर गहरी जुताई का काम कर ले. इससे मिट्टी में छिपे कीड़े निकल जाते है और खरपतवार भी नष्ट हो जाते है.
वर्षा ऋतु में मूंग की फसल को सिंचाई की भी आवश्यकता नही पड़ती है. फिर भी, इस मौसम में एक वर्षा के बाद दूसरी वर्षा होने के बीच ज्यादा दिनों का अंतराल रहे तो फिर आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
मूंग की खेती का समय
यदि आप गर्मी में Moong Ki Kheti करना चाहते है तो फिर मूंग की बुवाई मार्च के पहले सप्ताह से लेकर अंतिम सप्ताह के बीच कर दे. खरीफ के समय मूंग की बुवाई जून के आखरी सप्ताह और जुलाई के पहले सप्ताह में करनी चाहिए.
मूंग की फसल 60 से 70 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. अर्थात जुलाई में बोई गई फसल सितंबर तथा अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक कट जाती है. हालाकि, इस दौरान कुछ क्षेत्रों में भूमिगत जल संसाधन अभाव, अधिक तापमान या अन्य अनुयायी तत्वों के कारण पौधा का विकास धीमा हो सकता है.
मूंग की खेती के लिए उत्तम जलवायु
बता दे कि मूंग की खेती के लिए नम और गर्म जलवायु अच्छी होती है तथा मूंग के पौधे के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान सही होता है. अगर मिट्टी की बात करे तो इसके लिए दोमट और बलुई मिट्टी अच्छी होती है जिसका पी.एच मान 6 से 7 के बीच उत्तम होता है.
मूंग की उन्नत ऑर्गेनिक खेती
मूंग की उन्नत जैविक खेती के लिए आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना है. निचे जानकारी पढ़े:
- जैविक खेती के लिए आपको मूंग के लिए सबसे अनुकूल जलवायु और मिट्टी का चयन करना होगा.
- जैविक खाद और उर्वरकों का प्रयोग करे जो पौधों को पोषण करने के लिए प्राकृतिक तत्व प्रदान करते है. जैसे कि गोमूत्र, खाद, नीम की पत्ती, मीठा नीम, खाद आदि जैविक उपयोग कर सकते है.
- उच्च गुणवत्ता वाले जैविक मूंग के ही बीज चुने.
मूंग की खेती से लाभ
जानकारी के लिए बता दे कि Moong Kii Kheti कई तरह से लाभदायक हो सकती है. यहां पर कुछ मुख्य लाभ की जानकारी दी गई है:
- मूंग की फसल कम समय में तैयार हो जाती है जिससे किसान भाई 1 वर्ष में 2 से 3 फसल को उगा सकते है.
- मूंग की एक बार की फसल से किसान भाई एक हेक्टेयर के खेत में लगभग 40 हजार तक की कमाई कर सकते है.
- मूंग हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होती है. यह प्रोटीन, आयरन, विटामिन और मिनरल का अच्छा स्रोत है.
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मूंग की खेती से कमाई
एक एकड़ खेत से लगभग 8 – 10 क्विंटल मूंग उपज प्राप्त हो सकती है. 1 हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की खेती करने के लिए 18 से 20 हजार रुपए तक का खर्च आ सकता है. अक्सर, मूंग का भाव बाजार में 80 से 120 रुपए प्रति किलो तक का होता है. यदि 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिलती है तो आपको 80 हजार से 1 लाख रुपए प्रति हेक्टर का सीधा मुनाफा होगा.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
भारत में मूंग किस मौसम में उगाया जाता है?
हमारे भारत देश में मूंग की खेती 3 अलग- अलग मौसमों की जाती है. खरीफ, रबी और गर्मी इन तीनो मौसम में मूंग की खेती की जा सकती है.
मूंग का वास्पतिक नाम क्या है?
मूंग का वास्पतिक नाम विग्ना रेडिएटा (Vigna Radiata) है.
मूंग की फलियों को उगाने के लिए किन पोषण तत्वों की आवश्यकता होती है?
मूंग की फलियों को उगाने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम आदि पोषण तत्वों की आवश्यकता होती है.
मूंग कितने प्रकार के होते है?
मूंग मुख्य रूप से 2 प्रकार की होती है हरी और पीली. धुली और छिली हुई मूंग दाले पीले रंग की होती है.
इल्ली की सबसे अच्छी दवाई कौन सी है?
यदि आपकी मूंग फसल में इल्ली लगी है तो आपको जल्द ही प्रोपेनोफॉस या ट्राईजोफॉस दवा का 2 ml प्रति लीटर पानी के हिसाब से 500 से 600 लीटर घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए.