Amla Ki Kheti | अगर आप एक प्रगतिशील किसान है और खेती में कुछ नया करना चाहते है तो इस बार आपको आंवला की खेती करनी चाहिए. बता दे, आंवला का पौधा एक प्रकार का औषधीय और गुणवान पौधा होता है. वहीं, आंवला को सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाला पेड़ माना जाता है क्योंकि किसान इस पेड़ की एक बार बागवानी कर लगभग 70 से 75 वर्षो तक अच्छा उत्पादन ले सकता है. वैसा देखा जाए तो आंवला की बाजार मांग हमेशा बनी रहती है तथा यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी होता है.
यदि आप भी आंवला की खेती करने की सोच रहे है तो इस लेख को पूरा पढ़े क्योंकि इस लेख में हम आपको इसकी खेती से जुडी विस्तार सहित जानकारी देने वाले है. इस लेख में हम- आंवला की खेती कैसे करे? आंवला की खेती करने वाले राज्य? आंवला की खेती का समय? आंवला की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु? आंवला की वैज्ञानिक तरीके से खेती? आंवला की उन्नत किस्म? आंवला की खेती में लागत व कमाई? Amla Ki Kheti आदि के बारे में पूरी जानकारी देंगे.
आंवला की खेती की जानकारी
भारत देश में आंवला की व्यवसायिक खेती विभिन्न क्षेत्रों में की जा रही है. आंवला, जिसे आमतौर पर “आमला” भी कहा जाता है क्योंकि यह “आमला” परिवार से संबंधित है. बता दे, आंवला की खेती एक विशेष खेती है; जो उच्च उत्पादकता और उत्कृष्ट गुणवत्ता की दिशा में की जा सकती है. आंवला की पूरी प्रक्रिया में बुआई से लेकर पौधरोपण, पानी प्रबंधन, उर्वरक का उपयोग और सही समय पर प्रोफिंग जैसे कई कदम शामिल होते है.
आंवला की खेती करने के लिए उपजाऊ मिटी की आवश्यकता होती है. ध्यान रहे कि खेत में जलभराव जैसी स्थिति नही होनी चाहिए क्योंकि इससे पौधे नष्ट होने का खतरा रहता है. यदि आप आंवला की खेती करना चाहते है तो सबसे पहले आपको भूमि का पीएच मान जांच करवा लेना है. ध्यान रहे, भूमि का पीएच मान 6 से 7 के बीच में ही होना चाहिए.
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आंवला की खेती का समय
वैसे देखा जाए तो, आंवला की खेती का उपयुक्त समय जुलाई से सितंबर माह माना जाता है. यह समय वर्षा का होता है और इस मौसम में पौधे का विकास भी जल्दी होता है. वैसे, इसकी खेती जनवरी से फरवरी महीने में भी की जा सकती है.
आंवला की खेती करने वाले राज्य
बता दे, आंवला की खेती भारत में सर्वाधिक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य में की जाती है. ध्यान रहे, ऐसे क्षेत्र जहा पर अधिक समय तक ठंड रहती है वहां, आंवला की खेती (Amla Ki Kheti) नही करनी चाहिए क्योंकि सर्दियों में पाला गिरने पर पौधे नष्ट हो सकते है.
आंवला की खेती के लिए जलवायु
हमारे देश में आंवला की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु उपयुक्त मानी जाती है. इसके पौधे अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में भी अच्छे से विकास करते है तथा गर्मियों के मौसम में ही इसके पौधों पर फल लगते है. बता दे, इसकी खेती लिए न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए.
आंवला की उन्नत खेती
आज के समय बाजारों में आंवला की कई किस्में देखने को मिल जाती है, परंतु किसान भाईयों को केवल उन्नत किस्मो को ही खरीदना चाहिए जो आपके क्षेत्र की जलवायु में अच्छा उत्पादन दे सके. यहां नीचे आपको आंवला की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गयी है, जोकि इस प्रकार है:
- कृष्णा NA 5
- कंचन NA 4
- बनारसी
- नीलम
- नरेंद्र 07
- नरेंद्र 09
- नरेंद्र 10
- बलवंत
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आंवला की खेती कैसे करें?
यदि आप आंवला की खेती से अच्छी कमाई और उत्पादन प्राप्त करना चाहते है, तो आपको इसकी खेती सही विधि से करनी होगी. निचे दिए गए स्टेप से आप आंवला की खेती (Amla Ki Kheti) आसानी से कर सकते है:
- आंवला की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले इसके पौधे तैयार कर लेने है.
- आप चाहे तो नर्सरी में भी इसके पौधे तैयार कर सकते है या फिर पौधे खरीद कर भी लगा सकते है.
- इसके बाद, आपको खेत अच्छे से तैयार कर लेना है. इसके लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करे.
- खेत की अच्छी तरह से जुताई करने पर पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते है.
- गहरी जुताई के बाद, खेत में पुरानी गोबर की खाद को डालकर, रोटावेटर की मदद से एकबार पुनः जुताई कर ले.
- अब मिट्टी को समतल कर ले ताकि जलभराव की समस्या न हो.
- इसके बाद, पौधों की रोपाई के लिए गड्डे तैयार कर ले.
- खेत में तैयार किए गए गड्डे के बीच कम से 8 से 10 फिट की दूरी अवश्य रखे.
- गड्डे का आकार 60 से 70 सेंटीमीटर चौड़ा और लगभग 45 से 50 सेंटीमीटर गहरा होना चाहिए.
- पौधे रोपाई के तुरंत बाद ही आपको पहली सिंचाई कर देनी है.
- इसके बाद, जब भी फसल में खरपतवार नजर आए तब आपको तुरंत ही निराई- गुड़ाई करवा लेनी है. गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों को उपयुक्त मात्रा में हवा मिलने लगती है.
हाइब्रिड आंवला की खेती
हमारे देश में हाइब्रिड आंवला की खेती एक उन्नत तकनीकी प्रक्रिया है जो आंवले की पैदावार में बढ़ोतरी करती है. यहां, हाइब्रिड आंवले का अर्थ- नए और प्रगतिशील जीनों का मिश्रित रूप है, जिससे उच्च उत्पादन और गुणवत्ता प्राप्त होती है. इस प्रकार की खेती में विज्ञान, तकनीक और कृषि से संबध में नवीन अनुसंधानों का उपयोग होता है. इसके अलावा आपकी हाइब्रिड आंवला, आंवला की दो या दो से अधिक किस्मों का क्रॉसब्रीड है. इसे पारंपरिक आंवला उगाने की कुछ चुनौतियों से निपटने के लिए विकसित किया गया है.
आंवला की वैज्ञानिक तरीके से खेती
बता दे, आंवला को अंग्रजी में “Indian Gooseberry” कहा जाता है. यह एक पौष्टिक फल है जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है. इसकी वैज्ञानिक खेती में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है. अच्छे उत्पादकता वाले पौधों का चयन, सही जलवायु, उचित बीज और पोषण तत्वों की समझ के साथ, आंवला की खेती से उत्कृष्ट फल प्राप्त किया जा सकता है. विशेषज्ञों की सलाह लेना, समय पर सिंचाई और पौधों की उचित देखभाल इसकी उत्पत्ति और गुणवत्ता में सुधार कर सकती है.
आंवला की खेती में सिंचाई
बता दे, आंवला के पौधों को शुरुआती समय में सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है. इसके पौधों को खेत में रोपाई के तुरंत बाद ही पहली हलकी सिंचाई करे. शुरुआती समय में इसके पौधों को गर्मी के मौसम में 5 से 7 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए. वहीं, सर्दियों के मौसम में 12 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए. साथ ही, बारिश के मौसम में इसके पौधों की आवश्यकतानुसार ही सिंचाई करनी चाहिए.
आंवला की खेती में खाद
बता दे, आंवला के पेड़ का अच्छे से विकास और तंदुरुस्त रखने के लिए निराई-गुड़ाई के समय 40 किलोग्राम गोबर खाद में 100 ग्राम यूरिया, 100 ग्राम डीएपी, 100 ग्राम M.A.P मिलाकर पौधों की जड़ों में डाले. वैसे, इसके पौधों को देख-रेख की ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि देख-रेख से पौधे को दीमक तथा दूसरे कीटो से बचे रहने की संभावना ज्यादा होती है और पौधे का विकास भी अच्छा होता है.
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आंवला की खेती से लाभ
यदि आप आंवला की खेती (Amla Ki Kheti) करते है तो इससे आपको कई लाभ हो सकते है, परंतु हमने नीचे कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी दी है जो कुछ इस प्रकार से है:
- आंवला की मांग बाजार में बहुत ज्यादा है जिससे किसान भाइयों को अच्छा दाम मिल जाता है.
- आंवला के अंदर उपस्थित पोषक तत्व मानव शरीर के लिए काफी लाभदायक होते है. इसमें Vitamin A, Vitamin C, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व स्वस्थ रखने में मदद करते है.
- आंवला का उपयोग औषधीय दवाइयों के रूप में भी किया जाता है.
- आंवला की खेती वाले क्षेत्रों में छोटे श्रमिक लोगों को आंवला की तुड़ाई के समय रोजगार का अवसर मिलेगा.
आंवला की खेती में लागत व मुनाफा
यदि आप आंवला की खेती अच्छे से करते है तथा खेती में तकनीकी विधि का उपयोग करते है तो यह रोपाई के लगभग 3 से 4 साल बाद ही फल देने लग जाते है. वैसे, 6 से 7 वर्षो के बाद औसतन 1 क्विंटल/ प्रति पेड़ फल देता है.
यदि आप 1 एकड़ में आंवला की खेती करते है तो आप लगभग 300 से 350 पेड़ लगा सकते है. इसके हिसाब से आपको 300 क्विंटल की उपज आसानी से मिल जाएगी. भारतीय बाजारों और मंडियों में आंवले का भाव लगभग 30 से 35 रुपए/ प्रति किलोग्राम है. इस हिसाब से आप प्रति हेक्टेयर एक सीजन में ही लगभग 8 से 10 लाख रुपए बड़ी आसानी से कमा सकते है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
क्या हम आंवला को बीज से उगा सकते है?
जी हां, आप आंवला को बीज से भी उगा सकते है. इसके लिए आपको आंवला के बीज को मिट्टी में लगभग 4 से 5 इंच गहराई में लगा देना है और बीजों को हल्की मिट्टी और पानी से ढक देना है.
1 एकड़ में कितने आंवला के पेड़ लगाए जा सकते है?
यदि आप 1 एकड़ में आंवला खेती कर रहे है तो आप 1 एकड़ में लगभग 250 से 300 पौधे लगा सकते है. पौधों की संख्या पौधों से पौधों की दूरी पर भी निर्भर करती है.
मै आंवला के पौधे की पहचान कैसे करू?
आंवला एक छोटा मध्यम आकार का पौधों होता है जिसकी ऊंचाई लगभग 10 से 15 फिट तक की होती है. इसके पेड़ का तना टेढ़ा और शाखाएं फैली हुई होती है.
आंवला का पेड़ कितने दिन में तैयार होता है?
आंवला के पेड़ को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 3 से 4 वर्षो का समय लगता है. वैसे, यह आपकी देखरेख और आपके क्षेत्र की जलवायु पर भी निर्भर करता है.
आंवला खाने से कौनसी बीमारी दूर होती है?
बता दे, आंवला Vitamin C से भरपूर होता है. इसे खाने से आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है और यह हमारे शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है. इसके अलावा, यह हमें बैक्टेरिया से लड़ने की भी ताकत प्रदान करता है.
मैं 1 एकड़ में आंवले की खेती करना चाहता हूं मिट्टी रेतीली हल्की दोमट है 9828750326 पर बताएं
आप आसानी से इस मिट्टी में खेती कर सकते है. खाद का समय पर ध्यान रखे.