Badam Ki Kheti | बादाम की खेती को लाभदायक व्यवसायो में से एक माना जाता है. वैसे, ड्राई फ्रूट में बादाम का अपना एक अलग ही स्थान है. बादाम की खेती कुछ वर्षो पहले केवल पर्वतीय क्षेत्रों और ठंडे स्थानों पर ही की जाती थी परंतु वर्तमान समय में इसकी खेती बंजर भूमि पर भी होने लगी है. इसकी खेती ज्यादा इसलिए भी होने लगी है क्योंकि किसान अब इसकी खेती को लेकर जागरूक हो गए है. बादाम की खेती से किसान को कम लागत में अधिक फायदा होता है क्योंकि बाजार में बादाम के भाव अन्य फलों की अपेक्षा में काफी ज्यादा होता है. वैसा देखा जाए तो बादाम की बाजार मांग हमेशा बनी ही रहती है.
बता दे बादाम खेती भी मुनाफे वाली खेती में से एक है. अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते है तो फिर आपके लिए यह लेख बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको- बादाम की खेती कैसे करे? बादाम की खेती के लिए उत्तम जलवायु? बादाम की खेती में सिंचाई? देसी बादाम की खेती? बादाम की जैविक खेती? बादाम की वैज्ञानिक खेती? बादाम की खेती के लाभ? Badam Ki Kheti आदि की पूरी जानकारी देंगे.
बादाम की खेती की जानकारी
भारत देश में बादाम की खेती एक उत्कृष्ट कृषि प्रणाली है जो विभिन्न क्षेत्रों में संभावित है. इसकी खेती के लिए उचित जलवायु, आदर्श मिट्टी और सुरक्षित स्थान का चयन करना बहुत जरुरी है. इसके पौधे को ज्यादा सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है. वहीं, इसकी खेती में किसान भाईयों को उचित सिंचाई व्यवस्था, खाद एवं उर्वरक का भी विशेष ध्यान रखना होता है. बता दे बादाम की खेती से किसान अच्छी आमदनी कर सकते है, लेकिन सही देखभाल, प्रबंधन और गुणवत्ता की खेती के नियमों का पालन करना जरुरी होता है.
क्या आपको पता है कि बादाम का पेड़ मध्यम आकार का होता है जिसमें गुलाबी तथा सफेद रंग के सुगंधित फूल लगते है. बता दे यह पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाए जाते है. इस पेड़ के तने मोटे, पत्ते लंबे- चौड़े और मुलायम होते है. यदि आप भी इसकी खेती करना चाहते है तो आपको मिट्टी का चुनाव सही तरीके से करना चाहिए. खेती के लिए अच्छी जल निकासी और अच्छी उपजाऊ वाली भूमि होनी चाहिए.
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बादाम की खेती का समय
बता दे बादाम का पौधा लगाने के लिए जनवरी- फरवरी का माह सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इस समय ठंडा मौसम होता है और ठंडे मौसम में बादाम के पौधे का विकास अच्छे से होता है. अगर आप बादाम की खेती (Badam Ki Kheti) करना चाहते है तो फिर आपको सही समय पर ही पौधे लगाने चाहिए.
बादाम की खेती करने वाले राज्य
भारत देश में बादाम की खेती मुख्यतः ठंडे प्रदेशों के पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा होती है. बता दे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, आंध्र प्रदेश और उतराखंड में बादाम की खेती अधिक की जाती है.
बादाम की खेती के लिए जलवायु
इसकी खेती के लिए ठंडे प्रदेशों की जलवायु उपयुक्त मानी जाती है. बादाम की खेती के लिए न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 27 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है. वहीं, इसकी खेती के लिए औसत वर्षा 80 से 100 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए.
बादाम की उन्नत किस्मे
भारत देश में बादाम की विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्मों की खेती की जाती है. किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही बादाम की किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि अच्छा उत्पादन मिल सके. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी निचे दी गयी है:
- नॉन-पैरिल
- कार्निफोर्निया पेपर शेल
- शालीमार
- मखदूम
- वारिस
- रूबी
- सोनोरा
- ड्रेक
- पाद्रे
- मार्सिड
- थिनरोल्ड
नोट : कृपया किस्म की बुवाई से पहले अपने लोकल कृषि विशेषज्ञ से अवश्य सलाह ले.
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बादाम की खेती कैसे करे?
बता दे बादाम की खेती एक लाभदायक कृषि व्यवसाय फसल है. उचित देखभाल तथा विधि के साथ बादाम की खेती करना महत्वपूर्ण होता है. सही तरीके से बादाम की खेती (Badam Ki Kheti) करने के लिए नीचे कुछ महत्वपूर्ण चरण बताए गए है:
- बादाम के पौधे को खेत में लगाने से पहले, खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर ले.
- इसके बाद, आपको खेत में रोटावेटर चला देना है. इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी.
- इसके कुछ ही दिनों बाद, उचित मात्रा में पुरानी गोबर की खाद को प्राकृतिक खाद के रूप में डाल देना है.
- फिर आपको पाटा की मदद से खेत को समतल करना है. समतल करने से आपको जलभराव जैसी समस्या नही होगी.
- समतल करने के बाद आपको 5 से 7 फिट की दूरी रखते हुए गड्डे खोद लेने है. ध्यान रहे कि प्रत्येक गड्डे कम से कम 2.5 फिट गहरे तथा 2 फिट चौड़े होने चाहिए.
- आपको यह सभी गड्डे पौधे की रोपाई से लगभग 20 दिन पहले ही तैयार कर लेने है.
- इसके अलावा, बादाम की खेती में पौधों की रोपाई के समय जैविक खाद ही डाले.
- अब इन गड्डो में बादाम के पौधे लगा दे. वैसे, आप सीधे पौधे खरीद के भी लगा सकते हो.
- अब आपको समय- समय और जरुरत के हिसाब से सिंचाई करनी है. वैसे, सिंचाई ड्रिप विधि से करनी बेहतर होगी.
देसी बादाम की खेती
बता दे देशी बादाम की खेती एक आर्थिक रूप से प्रतिभाशाली कृषि प्रणाली है. यह मुख्य रूप से सूखे क्षेत्रों में भी की जा सकती है. देसी बादाम की खेती के लिए अच्छी ड्रेनेज और सही जलवायु की आवश्यकता होती है. देसी बादाम की खेती में उचित रोपण, प्राकृतिक उर्वरकों का प्रयोग करके खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है. इसकी खेती से न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होता है बल्कि इससे प्राकृतिक संतुलन भी बना रहता है.
बादाम की जैविक खेती
बता दे बादाम की जैविक खेती में केवल प्राकृतिक तत्वों का प्रयोग किया जाता है. जैविक विधि से खेती करने के लिए आपको जैविक बीजों का ही उपयोग करना होगा जो कीटाणु रहित होते है. रासायनिक खाद या दवाई की जगह आपको जैविक खाद तथा दवाइयों का उपयोग करना है. जैविक खेती करते समय ध्यान दे कि आपको स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों का और उपयुक्त जैविक तत्वों का उपयोग करना चाहिए ताकि सही प्रगति हो सके.
बादाम की वैज्ञानिक खेती
हमारे देश में बादाम की वैज्ञानिक खेती में कुछ मुख्य तथ्य होते है जैसे कि भूमि, उचित दिन का तापमान और पोषण मूल्य इत्यादि. इसकी खेती में सही जल संचालन और पौधों के संरक्षण के लिए भी विशेष ध्यान देना चाहिए. बादाम के पौधों को मजबूती देने के लिए आवश्यकता अनुसार खाद देना भी जरुरी होता है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए बादाम की वैज्ञानिक खेती की जाती है.
बादाम की खेती में सिंचाई
बता दे बादाम के पौधे को सर्दी में दिनों में 15 से 20 दिनों के अंतराल में पानी देना चाहिए जबकि गर्मी के दिनों में 8 से 10 दिनों के अंतराल में पानी देना चाहिए. वहीं, इसकी खेती में वर्षा के मौसम के दौरान पानी की आवश्यकता नही होती है परंतु यदि लंबे समय तक वर्षा नही होती है तो आप एक हल्की सिंचाई कर सकते है.
बादाम की खेती में खाद
बता दे बादाम के पौधे की अच्छी वृद्धि तथा उपज के लिए खाद एवं उर्वरक की उचित मात्रा को प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए सड़ी गोबर की खाद 30 से 40 किलोग्राम व 2 किलोग्राम कैल्शियम अमोनिया नाइट्रेट, 2 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और 1.5 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश हर पेड़ को प्रति वर्ष देना चाहिए. फास्फोरस की पूरी व पोटाश की अधिक मात्रा अप्रैल में डाल देनी चाहिए तथा नाइट्रोजन की आधी मात्रा फरवरी से मार्च माह के दौरान देनी चाहिए.
बादाम की खेती से फायदे
भारत देश में बादाम की खेती (Badam Ki Kheti) से कई लाभ हो सकते है परंतु कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे सूची में दी गई है, जो कुछ इस प्रकार से है:
- बादाम की खेती से आपको आर्थिक लाभ हो सकता है क्योंकि बादाम एक महंगा और आपूर्तिकृत नट्स है जो अच्छे मूल्य पर बाजार में बिकता है.
- बादाम में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स होते है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते है.
- बादाम की खेती से स्थानीय स्तर पर रोजगार का अवसर मिल सकता है जिससे स्थानीय आर्थिक विकास हो सकता है.
बादाम की खेती में रोग
बता दे बादाम के पौधे पर भी पर्यावरण और रोगों का काफी प्रकोप होता है. रोगों की पहचान और तुरंत रोकथाम की अत्यंत आवश्यकता होती है. नीचे हमने कुछ रोगों की जानकारी दी है:
- कीट आक्रामण
- पत्ती धब्बा रोग
- वायरसी रोग
- बैक्टिरियल ब्लाइट
- पाथोजनिक रोग
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बादाम की खेती में लागत व मुनाफा
बता दे बादाम की खेती में लगभग 80 से 90 हजार रुपए/ प्रति हेक्टेयर तक का खर्च आ जाता है जो आपको केवल पहले वर्ष ही खर्च करना पड़ता है. वहीं, भारतीय बाजारों में बादाम का भाव लगभग 700 से 1000 रुपए/ प्रति किलोग्राम है. इसके चलते यदि आप एक हेक्टेयर में इसकी खेती करते है तो आप लगभग 300 पेड़ लगा सकते है, प्रत्येक पेड़ से लगभग 15 से 20 किलोग्राम फल निकलता है. इसके चलते आप 1 हेक्टर खेत से करीब 30 लाख रुपए आसानी से कमा सकते है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
बादाम की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
बादाम की सबसे अच्छी किस्म गुरबंदी, मामरा, कैलिफोर्निया को सबसे अच्छी किस्म माना जाता है क्योंकि यह किस्म पौष्टिक से भरपूर होती है. वहीं, इसकी पैदावार भी ज्यादा होती है.
अच्छे बादाम की पहचान कैसे करे?
जानकारी के लिए बता दे, असली बादाम का रंग हल्का ब्राउन होता है जबकि नकली बादाम का रंग काफी डार्क होता है.
बादाम के पेड़ कब तक रहते है?
यदि हम बादाम के पेड़ के जीवन काल की बात करे तो, इसका जीवन काल लगभग 25 से 30 वर्षो तक का होता है.
बादाम का पेड़ कितने साल में फल देता है?
बादाम का पेड़ रोपाई के लगभग 3 से 4 वर्षो में फल देना शुरू कर देता है. फल आने का समय आपके देख- रेख पर भी निर्भर करता है.
भारत में बादाम की कीमत ज्यादा क्यों है?
भारत में बादाम की कीमत थोड़ी ज्यादा है क्योंकि इस जलवायु में बादाम की खेती बड़े पैमाने पर उपयुक्त नही है. आयात पर स्तिथि निर्भर होने के कारण हमारे देश में बादाम काफी महंगे है.