Chandan Ki Kheti | चंदन मूल रूप से भारत में पाए जाने वाला पौधा है, इसका उत्तपत्ति स्थान भारत ही है. इसकी पत्तियां लंबी, शाखाएं लटकती हुई होती है और इसकी ऊंचाई लगभग 18 से लेकर 20 मीटर तक होती है. चंदन को सबसे ज्यादा मुनाफे देने वाला पेड़ माना जाता है क्योंकि किसान इस पेड़ की एक बार बागवानी कर कई साल तक अच्छा मुनाफा ले सकते है. बता दे चंदन की खेती प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी भी दे रही है.
अगर आप एक प्रगतिशील किसान है तो फिर आपको इस बार चंदन की खेती करना चाहिए क्योंकि इस खेती में लागत भी कम ही लगती है और मुनाफा ज्यादा मिलता है. इस लेख में हम आपको चंदन की खेती का समय? चंदन की खेती के लिए जलवायु? चंदन की वैज्ञानिक खेती? चंदन की खेती कैसे करें? लाल चंदन की खेती? चंदन की जैविक खेती? चंदन की खेती से लाभ? Chandan Ki Kheti आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे.
चंदन की खेती की जानकारी
भारत में चंदन की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि व्यवसाय है. चंदन का पौधा मुख्य रूप से गर्मियों में उच्च तापमान और न्यूनतम वर्षा वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है. क्या आपको पता है चंदन की लकड़ी और तने मुख्य रूप से चंदन तेल की उत्पादन के लिए उपयोग होते है. इसकी खेती आपके क्षेत्र की जलवायु, तापमान और भूमि के अनुसार की जाती है. इसकी खेती के लिए आपको नियमित पानी, खाद और प्राकृतिक रोगनाशकों का उपयोग करना चाहिए.
इसकी खेती के लिए लाल बलुई चिकनी दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है. खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि उपयुक्त है तथा भूमि का पी.एच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. इसके अलावा, चंदन की खेती (Chandan Ki Kheti) जलोढ़ और नम मिट्टी में करने से तेल की मात्रा कम प्राप्त होती है.
चंदन की खेती का समय
यदि आप चंदन की खेती करना चाहते है तो आप बीज बुवाई या पौधे रोपाई दोनो ही विधि से इसकी खेती कर सकते है. वैसे, पौधे रोपाई विधि का उपयोग करना उचित रहेगा क्योंकि बीज बुवाई विधि में आपको बीज अंकुरण होने में लगभग 5 महीने से अधिक का समय लगता है इसलिए आपको चंदन की खेती, पौधे रोपाई विधि से करनी चाहिए. इसके अलावा, चंदन के पौधों की रोपाई का सही समय जून-जुलाई महीने के बीच का होता है क्योंकि बारिश का मौसम में इसके पौधे का विकास अच्छे से होता है.
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चंदन की खेती करने वाले राज्य
भारत में चंदन की खेती (Chandan Ki Kheti) सबसे ज्यादा तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान राज्यों में की जाती है. भारत के अलावा चंदन की खेती इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया जैसे देशों में भी की जाती है.
चंदन की खेती के लिए जलवायु
बता दे चंदन का पौधा शुष्क जलवायु वाला होता है इसलिए इसके पौधों को अधिक सर्द जलवायु की आवश्यकता नही होती है क्योंकि सर्दियों में गिरने वाला पाला इसके पौधों के लिए उचित नही होता है. इसके पौधों को अधिकतम 500 से 600 मिलीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है. वहीं, चंदन के पौधों को अधिकतम 35 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री तापमान की जरुरत होती है. इसके पौधे अधिक धूप को आसानी से सहन कर सकते है.
चंदन की उन्नत किस्में
वर्तमान समय में चंदन की मात्र 2 ही किस्में मौजूद है, जिसमे पहली किस्म लाल चंदन और दूसरी सफेद चंदन है. जोकि कुछ इस प्रकार से है:
- लाल चंदन
- सफेद चंदन
लाल चंदन की खेती
बता दे लाल चंदन की खेती को “रक्त चंदन” के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में ज्यादा होती है. इसे इत्र, हवन सामग्री, महंगी सजावट और औषधीय दवाई बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. जब लाल चंदन का पेड़ 8 से 10 वर्ष का हो जाता है, तब उसका हार्टवुड बनना शुरू हो जाता है और रोपण के 12 से 15 साल बाद कटाई के लिए तैयार हो जाता है. लाल चंदन की लकड़ी, जड़े, पत्तियों और बीज का बहुपयोगी और औषधीय महत्व है. वहीं, चंदन की लकड़ी एक सुगंधित और प्राकृतिक लकड़ी मानी जाती है.
चंदन की वैज्ञानिक खेती
देश में चंदन की वैज्ञानिक खेती एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जो खेतीकारों को अच्छे लाभ दिलाने में मदद कर सकती है. इसकी वैज्ञानिक खेती में कुछ मुख्य तथ्य होते है जैसे कि भूमि, उचित दिन का तापमान और पोषण मूल्य. इसकी खेती में सही जल संचालन और पौधों के संरक्षण के लिए भी विशेष ध्यान देना चाहिए. चंदन के पौधों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यकता अनुसार खाद देना भी जरुरी होता है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए चंदन की वैज्ञानिक खेती की जाती है.
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चंदन की खेती कैसे करें?
अगर आप चंदन की खेती से अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती सही विधि से करनी चाहिए. सही विधि से चंदन की खेती (Chandan Ki Kheti) करने के लिए नीचे दी गई बातो को अवश्य ध्यान में रखे:
- चंदन की खेती के लिए सबसे पहले खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को हटाकर खेत की गहरी जुताई करे.
- उसके बाद, खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से 2 से 3 अच्छी तिरछी जुताई कर दे.
- जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर उसे समतल बना दे.
- समतल करने के बाद उसमे 10 से 12 फीट की दूरी छोड़ते हुए पंक्तियों में गड्डे तैयार करे.
- गड्डे तैयार करते समय ध्यान रखे कि गड्डे का आकार 1 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा होना चाहिए.
- जब गड्डे पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको इन गड्डे में पुरानी गोबर की खाद को उचित मात्रा में मिलाना है.
- इसके बाद, इन गड्डे में चंदन के पौधे की रोपाई कर दे.
- चंदन का पौधा आप नर्सरी में तैयार कर सकते है या फिर खरीद कर भी पौधे की रोपाई कर सकते है.
- जब आप पौधे की रोपाई कर दे तो इसके तुरंत बाद आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
- इसके बाद, आपको नियमित खाद और सिंचाई का विशेष ध्यान रखना है.
चंदन का पौधा कहा मिलेगा?
बता दे चंदन का पौधा आपको भारत के पूर्वी घाट के दक्षिण भागों में पाया जाता है. इसके पेड़ तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में फैली शेषाचलम पहाड़ियों पर भी पाए जाते है. यदि आप भी चंदन के पौधे खरीदना चाहते है तो फिर आपको दक्षिण भारत की नर्सरियों में ये पौधे आसानी से मिल जायेंगे.
चंदन की खेती में सिंचाई
बता दे चंदन की खेती को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है इसलिए आपको इसके पौधे की रोपाई बारिश के मौसम में ही करनी चाहिए. बारिश के मौसम में यदि लंबे समय तक वर्षा नही होती है तो फिर आप हल्की सिंचाई कर सकते है. वहीं, गर्मियों में इसके पौधों में नमी बनाए रखने के लिए 2 से 3 दिन में पौधों को पानी देना जरुरी है तथा सर्दियों में एक सप्ताह के अंतराल में पानी देना जरूरी है.
चंदन की खेती में खाद
वैसे तो, चंदन की खेती के लिए ज्यादा खाद की आवश्यकता नही होती है परंतु चंदन लगाने से पहले व बाद में नियमित रूप से गोबर की खाद, नीम खली, कार्बनिक एव जैविक खाद डालते रहना चाहिए जिससे की अच्छी बढ़वार हो. इसमें रासायनिक खादो का कम से कम उपयोग करे और प्रति वर्ष नियमित रूप से जैव उर्वरक डालते रहे, जिससे पौधा स्वस्थ रहे और अच्छी ग्रोथ करता रहे.
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चंदन की खेती से लाभ
बता दे चंदन की खेती से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है. इनमे से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:
- चंदन की खेती (Chandan Ki Kheti) से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है क्योंकि चंदन का मूल्य बाजार में अच्छा रहता है और इसका उपयोग कई उद्योग में होता है.
- इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी होता है.
- यह बहुत अधिक मुनाफा देने वाली खेती है.
चंदन की खेती में लागत व मुनाफा
भारत में चंदन की खेती में 1 से 2 लाख रुपए/ प्रति एकड़ तक का खर्च आ जाता है जो आपको केवल पहले वर्ष ही खर्च करना पड़ता है. वहीं, भारतीय बाजारों में चंदन की लकड़ी का भाव 7 से 8 हजार रुपए/ प्रति किलोग्राम है. इसके चलते यदि आप एक एकड़ में इसकी खेती करते है तो 200 से 250 पेड़ लग सकते है. इसके चलते आप एक एकड़ खेत से करीब 2 से 2.5 करोड़ रुपए आसानी से कमा सकते है. बता दे कि चंदन का पेड़ 12 से 15 साल में काटने लायक हो जाता है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
चंदन को बढ़ने में कितना समय लगता है?
चंदन को बढ़ने में लगभग 10 से 12 वर्षो का समय लगता है और यह लंबे समय तक चलने वाला पौधा होता है.
असली चंदन की पहचान क्या है?
यदि आप असली चंदन की पहचान करना चाहते है तो आप ठोस सतह पर घिसे और इसे तब तक घिसे जब तक गर्म न हो जाए. जैसे ही चंदन गर्म होगा उसमे से सुगंध आनी शुरू हो जाएगी. सुगंधित चंदन ही असली चंदन की पहचान मानी जाती है.
भारत में सबसे ज्यादा चंदन के पेड़ किस राज्य में है?
हमारे भारत में सबसे ज्यादा चंदन के पेड़ कर्नाटक राज्य में है.
कौन सा चंदन अच्छा है लाल या सफेद?
हमारी त्वचा के लिए लाल चंदन की तुलना में सफेद चंदन अधिक अच्छा होता है.
कौन सा चंदन ज्यादा महंगा है?
लाल चंदन सबसे महंगा है. इस चंदन के पेड़ों की धीमी वृद्धि दर के कारण आपूर्ति कम है क्योंकि उन्हें पूरी तरह से विकसित होने में लगभग 10 से 15 साल लग जाते है.
Mp me lal chandan ka podha kanha milega
आप नजदीकी नर्सरी से पौधा या बीज भंडार से अच्छा बीज खरीद सकते है.
भादरूणा ग्राम पंचायत समिति वागाराम s/o हरजीराम चौधरी कृषि फार्म भादरूणा बहुत बहुत धन्यवाद हमारे गांव में लाल चंदन नहीं होता है
Ok