Ganne Ki Kheti | गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है. इसकी खेती में क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में भारत का प्रथम स्थान है परंतु चीनी उत्पादन में ब्राजील के बाद भारत का दूसरा स्थान है. गन्ने को खाने के अलावा जूस बनाकर भी पिया जाता है. इसके जूस से शक्कर, गुड़ और शराब आदि चीजों को तैयार किया जाता है. बता दे आज के समय जागरूक किसान गन्ने की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे है, इसलिए यदि आप खेती से अच्छा मुनाफा चाहते है तो फिर आपको गन्ने की ही खेती करना चाहिए क्योंकि भारतीय बाजारों में गन्ने की मांग बहुत ज्यादा है. इसी कारण इसका भाव भी अच्छा मिल जाता है.
प्रिय किसान भाईयों, आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे है कि गन्ने की खेती कैसे करे? गन्ने की खेती के लिए उत्तम जलवायु? गन्ने की खेती का समय? देसी गन्ने की खेती? गन्ने की खेती के लाभ? गन्ने की जैविक खेती? गन्ने की खेती में खाद? गन्ने की खेती में लागत व मुनाफा? Ganne Ki Kheti आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी आपको इस पोस्ट में मिलेगी.
गन्ने की खेती की जानकारी
बता दे गन्ने का वानस्पतिक नाम “सैकरम ऑफिसिनारम” है. इसे नगदी फसल के रूप में उगाया जाता है. गन्ने की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि उपयोगी फसल है जो भारत में व्यापक रूप से की जाती है. इसकी खेती के लिए उचित मिट्टी, जलवायु और अच्छी किस्म का चयन करना काफी महत्वपूर्ण है.
गन्ने की खेती (Ganne Ki Kheti) किसी भी तरह की उपजाऊ मिट्टी में की जा सकती है, किंतु गहरी दोमट मिट्टी में इसकी पैदावार अधिक मात्रा में प्राप्त हो जाती है. इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि की आवश्यकता होती है क्योंकि जल भराव से फसल के खराब होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इसके अलावा, जिस मिट्टी में आप गन्ने की खेती कर रहे है या फिर करना चाहते है तो उस खेत की मिट्टी का पी.एच मान 6 से 7 के बीच में होना बहुत जरुरी है.
गन्ने की खेती का समय
भारत में गन्ने की बुवाई आप साल में 2 बार शरदकालीन और वसंतकालीन मौसम में कर सकते है. यदि आप शरदकालीन मौसम में गन्ने की खेती करना चाहते है तो बुवाई का उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर महीने तक का होता है, वहीं वसंतकालीन मौसम में गन्ने की खेती के लिए आपको फरवरी से मार्च महीने में बुवाई कर देनी है.
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गन्ने की खेती करने वाले राज्य
हमारे भारत देश के लगभग सभी राज्यों में गन्ने की खेती (Ganne Ki Kheti) होती है परंतु भारत में गन्ना उत्पादक प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश व बिहार शामिल है. बता दे कि भारत में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन उत्तर प्रदेश राज्य में होता है जोकि कुल उत्पादन का करीब 50 फीसदी है.
गन्ने की खेती के लिए जलवायु
बता दे गन्ने के पौधों को शुष्क और आद्र जलवायु की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए बीज अंकुरित होने के लिए 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है तथा जब इसके पौधे विकास कर रहे होते है तब उन्हें लगभग 25 से 30 डिग्री तापमान चाहिए होता है. गन्ने के पौधे अधिकतम 35 से 40 डिग्री तापमान को ही सहन कर सकते है.
गन्ने की उन्नत किस्मे
आज के समय भारतीय बाजारों में आपको गन्ने की कई प्रजातियां देखने को मिल जाती है. परंतु किसान भाईयों को केवल उन्नत किस्मों को ही खरीदना चाहिए जो आपके क्षेत्र की जलवायु में अच्छा उत्पादन दे सके. यहां नीचे आपको गन्ने की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी गयी है, जोकि इस प्रकार है:
- को. 7314
- को. 8209
- को. जे. एन. 86-141
- को. 94008
- को. जवाहर 86-2087
- को. जवाहर 94-141
- कोयम्बटूर पंत 84212
- के. एस – 97261
- के. एस – 96269
- के. एस -99259
हाइब्रिड गन्ने की खेती
आजकल किसानों के लिए हाइब्रिड गन्ने की खेती एक लाभकारी व्यवसाय बन चुका है. हाइब्रिड गन्ने की खेती में विभिन्न प्रकार के गुणकों को मिश्रित करके गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाने के लक्ष्य से काम किया जाता है. हाइब्रिड गन्ने की खेती (Ganne Ki Kheti) में उन्नत तकनीकी उपायों का भी उपयोग किया जाता है जैसे कि समय पर सिंचाई, उर्वरक का सही प्रबंधन और बीमारियों के प्रति सतर्कता. हाइब्रिड गन्ने की खेती किसानों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है और गन्ने के उत्पादकों की मांग को पूरा करने में मदद करती है.
देसी गन्ने की खेती
भारत में देसी गन्ने की खेती मुख्य रूप से गन्ना पैदा करने की एक महत्वपूर्ण फसल है. इसकी खेती गर्मियों में अधिक फलदायक होती है, जब तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है. इसकी खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी, समय पर सिंचाई और उचित जलवायु की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, बुवाई से पहले आपको खेत को अच्छे से तैयार कर लेना है और उन्नत जैविक खादों का प्रयोग करना बहुत जरुरी है. खासकर जब गर्मी का मौसम हो तक खेत में उचित दूरी पर गन्ने की बुवाई करनी चाहिए और समय पर पानी देना चाहिए.
काले गन्ने की खेती
बता दे काले गन्ने की खेती एक अहम कृषि व्यवसाय है जिससे गुड और चीनी का उत्पादन होता है. इसकी खेती में सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसके लिए उचित जल संचार व्यवस्था की आवश्यकता होती है. काले गन्ने की खेती से किसान अच्छी आय कमा सकते है लेकिन इसमें मेहनत, ज्ञान और सावधानी की आवश्यकता होती है. उचित प्रबंधन के साथ, काले गन्ने की खेती एक सकारात्मक और लाभकारी कृषि वायवसाय बन सकती है.
वैज्ञानिक तरीके से गन्ने की खेती
गन्ने की वैज्ञानिक खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके होते है, जैसे कि- मिट्टी का चयन, समय पर पानी और कीट प्रबंधन, उपयुक्त खादों का प्रयोग आदि. गन्ने के पौधों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यकता अनुसार खाद देना भी काफी जरुरी होता है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए गन्ने की वैज्ञानिक खेती की जाती है.
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गन्ने की खेती कैसे करे?
अगर आप गन्ने की खेती से अच्छी उपज तथा लाभ प्राप्त करना चाहते है तो आपको इसकी खेती सही विधि से करनी होगी. सही विधि से गन्ने की खेती (Ganne Ki Kheti) करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करे:
- गन्ने की खेती के लिए सबसे पहले खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को हटाकर खेत की गहरी जुताई करे.
- उसके बाद, खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से 2 से 3 बार अच्छी तिरछी जुताई कर दे.
- अब आपको प्रति एकड़ खेत में 10 से 12 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डाल देनी है.
- इसके बाद, पुनः जुताई करे ताकि खाद मिट्टी में अच्छे से मिल जाए.
- ध्यान रहे सही समय आने पर ही बुवाई करे.
- बता दे, गन्ने की बुवाई आप समतल या फिर नाली विधि दोनों से कर सकते है.
- समतल विधि में आपको 90 सेंटीमीटर की दूरी पर 7 से 10 सेंटीमीटर गहरी देशी हल से कूँड़ बनाना होगा और इन कूँड़ में गन्ने के छोटे-छोटे टुकड़े जिनमे 2 से 3 आंखे हो उसकी बुवाई सिरे से सिरा मिला कर करे.
- इस तरह टुकड़ों को डालने के बाद आपको पाटा लगाकर खेत को समतल कर देना है.
- बुवाई के तुरंत बाद आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है. इस सिंचाई में आपको ध्यान रखना है कि पानी बहाव ज्यादा न हो.
- 1 से 2 सप्ताह बाद पौधे बहार निकलने लग जाएंगे.
गन्ने की जैविक खेती
देश में गन्ने की जैविक खेती समय की आवश्यकता है जिससे मानव और वातावरण पर कोई दुष्प्रभाव नही पड़ता और फसल उत्पादन लागत भी कम होती है. गन्ने की जैविक खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए उचित खेती तकनीक अपनानी बहुत जरुरी है. गन्ने की जैविक खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में विकास कर सकती है मगर इसकी फसल से अच्छे विकास और उत्पादन के लिए उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी व भुरभुरी दोमट मिट्टी मिट्टी उपयुक्त है.
गन्ने की खेती में सिंचाई
बता दे गन्ने की बुवाई नम भूमि में की जाती है, इसलिए इसकी खेती के शुरुआती समय में सिंचाई की ज्यादा आवश्यकता नही होती है. परंतु गर्मी के मौसम में सप्ताह में एक बार इसकी खेती को सिंचाई की आवश्यकता होती है तथा सर्दियों में 12 से 15 दिनों के अंतराल में फसल को पानी की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, बारिश के मौसम में इसे सिंचाई की आवश्यकता नही होती है.
गन्ने की खेती में खाद
बता दे गन्ने की फसल के पकने की अवधि लंबी होने के कारण खाद एंव उर्वरक की आवश्यकता भी अधिक होती है अतः खेत की अंतिम जुताई से पूर्व आवश्यकता अनुसार सड़ी गोबर या कम्पोस्ट खाद डाले. इसके अतिरिक्त 300 किलोग्राम नाइट्रोजन, 85 किलोग्राम सल्फर एवं 60 किलोग्राम पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय प्रयोग करे.
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गन्ने की खेती के फायदे
अगर आप गन्ने की खेती (Ganne Ki Kheti) करते हो तो आपको कई लाभ हो सकते है. प्रमुख लाभ इस प्रकार है:
- गन्ने की खेती से आपको आर्थिक लाभ हो सकता है क्योंकि गन्ने का रस चीनी उत्पादन में उपयोग होता है, जिसके कारण इसकी मांग बाजार में अच्छी खासी है.
- गन्ने के पौधों का उपयोग पशुओं के लिए चारा के रूप में किया जा सकता है.
- गन्ने की खेती से आपके क्षेत्र में रोजगार के अवसर बन सकते है, क्योंकि गन्ने की कटाई के लिए लोगो की आवश्यकता होती है.
गन्ने की खेती में लागत व मुनाफा
बता दे, गन्ने की फसल को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 10 से 12 महीने का समय लगता है. इसके अलावा, यदि आप गन्ने की खेती (Ganne Ki Kheti) 1 एकड़ खेत में करते है तो आपको लगभग 500 से 700 प्रति एकड़ क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो सकती है तथा अच्छी देखरेख कर आप लगभग 900 क्विंटल प्रति एकड़ तक का उत्पादन प्राप्त कर सकते है.
गन्ने की बुवाई से लेकर कटाई तक लगभग 60 हजार रुपए खर्च हो जाते है. इन दिनों गन्ने का बाजारी भाव 400 से 600 रुपए/ प्रति क्विंटल के आसपास रहता है. इस हिसाब से किसान भाई गन्ने की एक बार की फसल से 3 से 5 लाख की कमाई आसानी से कर सकते है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
गन्ने की वृद्धि के लिए कौन सा उर्वरक सबसे अच्छा है?
गन्ने की वृद्धि के लिए कंपोस्ट और जैविक खाद सबसे अच्छा है. बता दे यह पोषक तत्वों से भरपूर है और मिट्टी की संरचना, जल धारण में सुधार करने मदद करता है.
गन्ने की अच्छी पैदावार कैसे करें?
गन्ने का बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और कैल्शियम की आवश्यकता होती है. इसलिए अच्छी पैदावार के लिए ऐसे ही खाद का प्रयोग करे.
क्या गन्ने को ज्यादा पानी चाहिए?
जी हां, गन्ने की खेती करने के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. यह एक उष्णकटिबंधीय पौधा है और इसे हर साल कम से कम 150 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है.
गन्ने में पोटाश के क्या फायदे है?
गन्ने में पोटाश डालने से तना व रेशा मजबूत तथा फुटाव ज्यादा होता है और चीनी की मात्रा को बढ़ाता है.
एक बीघा में कितना गन्ना पैदा होता है?
यदि आप एक बीघा में गन्ने की खेती करते है तो, इसमें आपको लगभग 130 से 140 क्विंटल प्रति बीघा पैदावार मिल जाएगा.