Makka Ki Kheti | खाद्यान्न फसलों में मक्का का विश्व भर में प्रमुख स्थान है. हमारे भारत देश में धान एवं गेहूं के बाद मक्का सबसे महत्वपूर्ण फसल है. मुख्य रूप से मक्का को खरीफ की फसल माना जाता है लेकिन बहुत क्षेत्रों में इसको रबी के सीजन में भी उगाया जाता है. यदि आप एक जागरूक किसान है और खेती में अच्छा मुनाफा चाहते है तो आपको मक्का की खेती करना चाहिए. मक्का की फसल के उत्पादन से काफी अच्छा मुनाफा होता है. मक्का की खेती से जुडी सभी प्रकार की आवश्यक बातो को जानने के लिए हमारी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े.
यदि आप एक किसान है तो आपके लिए यह लेख महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस लेख में हम आपको मक्का की खेती से संबंधित विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे. जैसे कि मक्का की खेती कैसे करें? मक्का की खेती के फायदे? मक्का की खेती के लिए जलवायु? मक्का की उन्नत किस्में? मक्का की खेती का समय? Makka Ki Kheti आदि विषयों की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी.
मक्का की खेती की जानकारी
भारत में मक्का की खेती एक महत्वपूर्ण अनाज की खेती के रूप में प्रसिद्ध है. मक्का, जिसे अंग्रेजी में “Corn” कहते है, एक पौष्टिक अनाज है जिसका उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है. वैसे, पशुओं के चारे के रूप में भी इसका उपयोग होता है. मक्के की खेती भारत के विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है, लेकिन यह अधिकतर उत्तर भारत के राज्यों में होती है. इसकी खेती के लिए मौसम की शर्तो की अहम भूमिका होती है और उचित जलवायु, फसल सुरक्षा और उर्वरक प्रबंधन के तरीको का पालन किया जाता है.
मक्के की खेती को सामान्य तौर पर किसी भी भूमि में कर सकते है, किंतु अच्छी गुणवत्ता और अधिक पैदावार के लिए बलुई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, भूमि अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए.
मक्का की खेती का समय
वैसे तो मक्का खरीफ की फसल है जिसे बोने के लिए जून- जुलाई माह सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसके अलावा, यदि आप मक्का की खेती सर्दी के मौसम में करना चाहते है तो फिर आप इसकी बुवाई अक्टूबर- नवम्बर तक कर सकते है. यदि सिंचाई के पर्याप्त साधन मौजूद हो तो ग्रीष्मकालीन मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) भी आसानी से की जा सकती है. इसके लिए आपको मक्का की बुवाई फरवरी से मार्च के माह में करनी होगी.
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मक्का की खेती करने वाले राज्य
भारत में मक्का की खेती मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है. इनमें से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादन होता है.
मक्का की खेती के लिए जलवायु
बता दे मक्का गर्म और नम जलवायु की फसल है. इसकी खेती के लिए ऐसी भूमि उत्तम होती है जहां जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो. वहीं, बुवाई के समय 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान एवं वृद्धि व विकास अवस्था में लगभग 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उत्तम माना जाता है.
मक्का की उन्नत किस्में
हमारे भारत देश में मक्के की कई किस्में उगाई जाती है जिन्हें पकने की अवधि के अनुसार अलग- अलग समूहों में बांटा गया है. जिसकी विस्तार सहित जानकारी नीचे दी गई है:
- अति शीघ्र पकने वाली किस्में: यह सभी किस्में लगभग 75 दिनों में ही पूरी तरह से तैयार हो जाती है. किस्म: जवाहर मक्का- 8, विवेक- 4, विवेक- 17, विवेक- 42, विवेक- 43 और प्रताप हाइब्रिड मक्का- 1
- शीघ्र पकने वाली किस्में: यह सभी किस्में लगभग 85 से 90 दिनों बीच में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. किस्म: जवाहर मक्का- 12, अमर, आजाद कमल, पंत संकुल मक्का- 3, चंद्रमणी, प्रताप- 3, विकास मक्का- 421, पूसा अरली हाइब्रिड मक्का- 107, पूसा अरली हाइब्रिड मक्का-2, जेकेएमएच- 175, हाईशेल और बायो-9637
- मध्यम अवधि में पकने वाली किस्में: यह सभी किस्में लगभग 95 दिनों में ही पूरी तरह से तैयार हो जाती है. किस्म: जवाहर मक्का- 216, एचएम-10, एचएम- 4, प्रताप-5, पी-3441, एनके-21, केएमएच-3426, बिस्को-2418
- देरी की अवधि में पकने वाली किस्में: यह सभी किस्में लगभग 95 से 100 दिनों बीच में पूरी तरह से तैयार हो जाती है. किस्म: गंगा-11, त्रिशुलता, डेक्कन 101, सीड टैक- 2324, एनके- 6240, सरताज, प्रो-311 और एसएमएच-3904
चारे वाली मक्का की खेती
भारत में चारे वाली मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) एक प्रमुख खेती विधि है जो किसानों के लिए मुख्य आय स्त्रोत है. मक्का के पौधे को पशुओं के चारा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. यह खेती विधि पशुओं के पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और किसानों को अधिक लाभ प्रदान करती है क्योंकि उन्हें अपने पशुओं के लिए चारे की चिंता नही करनी पड़ती है. मक्के की चारे वाली खेती का व्यापक प्रयोग कृषि और पशुपालन से जुड़े क्षेत्रों में किया जाता है और किसानों को आर्थिक सुधार दिलाता है.
गर्मी में मक्का की खेती
बता दे गर्मी में मक्के की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि विधि है. मक्का एक मुख्य अनाज है जो भारतीय रसोइयों के लिए महत्वपूर्ण है और इसकी खेती गर्मियों में भी की जाती है क्योंकि इसे उच्च तापमान और सूखे की आवश्यकता होती है. मक्के के खेतों को अच्छी तरह से तैयार करना और उचित जलवायु और जलसंसाधन का सहारा लेना आवश्यक होता है. गर्मी में मक्के की खेती से अच्छा उत्पादन पाया जा सकता है लेकिन इसमें समय और मेहनत की भी आवश्यकता होती है.
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मक्का की खेती कैसे करे?
बता दे आप मक्का की खेती करके आसानी से मोटा मुनाफा कमा सकते है. मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) करने के लिए निम्न चरणों का पालन करे:
- मक्का की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले भूमि को अच्छे से तैयार कर लेना है.
- इसके लिए आपको एक बार गहरी जुताई करनी है.
- इसके बाद, आपको आवश्यकता अनुसार सड़ी खाद डाल देनी है.
- अब आपको कुछ समय के लिए खेत को खाली छोड़ देना है.
- बुवाई के 15 दिन पूर्व एक बार पुनः गहरी जुताई कर ले.
- इसके बाद, खेत को समतल करवा लेना है ताकि जलभराव न हो.
- बीजों का सही चयन करे ताकि आपको अच्छी पैदावर मिले. ध्यान रखे आपको प्रमाणित बीजों का ही चयन करना है.
- ऊपर दिए गए मौसम समय अनुसार ही आपको बुवाई करनी है.
- ध्यान रहे कि बीजों को सीड ड्रिल की मदद से बोना है.
- बीजों को 2.5 से 3.5 सेंटीमीटर की गहराई में बोये, इसका आपको विशेष रूप से ध्यान देना है.
- अब 8 से 10 दिनों में ही मक्का के बीज पूरी तरह से अंकुरत हो जाएंगे और पौधे बाहर निकलने लगेंगे.
वैज्ञानिक तरीके से मक्का की खेती
भारत में मक्का की वैज्ञानिक खेती में कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं शामिल होती है. पहले बीजों का चयन ध्यानपूर्वक किया जाता है, जिसमे बीजों की गुणवत्ता और प्रजनन क्षमता की अहम भूमिका होती है. मक्का की वैज्ञानिक खेती में सीधी बुवाई और उर्वरक का सही मात्रा में प्रयोग भी जरुरी होता है. मक्का की वैज्ञानिक खेती से उन्नत उपज प्राप्त की जा सकती है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है.
जैविक मक्का की खेती
मक्के की जैविक खेती एक प्राकृतिक खेती प्रणाली है जिसमे मक्का की उपज बिना कीटनाशकों और कीट रोग नाशको की सहायता से होती है. इस प्रकार की खेती में जैविक खाद्य तत्वों का उपयोग किया जाता है जो मिट्टी को स्वस्थ और पौषणपूर्ण बनाते है. जैविक खेती के तहत मक्के के पौधों को पूरी तरह स्वस्थ रूप से पलने के लिए जल, बीज और पोषण सामग्री का सही उपयोग किया जाता है. जैविक खेती पर्यावरण के लिए भी अच्छी होती है. यदि आप मक्का की जैविक खेती करते है तो इसका प्रभाव आपको इसकी पैदावार में अवश्य दिखाई देगा.
मक्का की खेती में सिंचाई
बता दे मक्का की खेती में नमी का बना रहना बहुत महत्वपूर्ण है. इसके लिए समय- समय पर सिंचाई करे. इसकी पहली सिंचाई आपको बुवाई के तुरंत बाद ही कर देनी है. इसके बाद, 10 से 15 दिन के अंतराल में हल्की सिंचाई कर देनी है. जब पौधों में दाने भरने लगे तब इसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है. मक्के की फसल की सिंचाई बीजों के रोपाई के समय के अनुसार ही की जाती है.
मक्का की खेती में खाद
बता दे मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) में जल्दी पकने वाली प्रजातियों को प्रति हेक्टेयर 60 से 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 से 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 40 से 45 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है. मध्यम व देरी से पकने वाली प्रजातियों में 100 से 110 किलोग्राम नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है.
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मक्का की खेती से लाभ
देश में मक्का की खेती के कई फायदे होते है जो कृषि के क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. इनमे से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:
- मक्का एक लाभकारी फसल है जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है.
- मक्का खाद्य फसलों में से एक है और इसे मोटे अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है.
- मक्के के पौधों को पशुओं के चारे के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है.
मक्का की खेती में रोग
बता दे मक्का की खेती में विभिन्न प्रकार के रोग लग सकते है जिनमे से कुछ प्रमुख रोगों की जानकारी निचे दी गई है:
- तना सड़न
- पत्तियों का झुलसा रोग
- डाउनी मिल्डयू
- तना भेदक सूंड रोग
मक्का की खेती में लागत व मुनाफा
यदि आप मक्का की खेती (Makka Ki Kheti) 1 हेक्टयर के खेत में करते है तो फिर आपको 40 से 50 क्विंटल की पैदावार मिल सकती है. वैसे, पैदावार किस्म के ऊपर भी निर्भर करती है. बता दे मक्के का बाजारी भाव 30 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच ही रहता है. इसके हिसाब से किसान 1 हेक्टयर के खेत से लगभग 1.5 लाख से 2 लाख रुपए आसानी से कमा सकते है. वहीं, यदि लागत की बात करे तो, इसकी खेती में लगभग 40 से 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत आती है.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
1 एकड़ में मक्का का कितना बीज लगता है?
यदि आप मक्का की खेती कर रहे है तो फिर आपको बीज दर पर विशेष ध्यान देना होगा. बीज दर 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ होना चाहिए.
सबसे ज्यादा पैदावार वाली मक्का कौन सी है?
सबसे ज्यादा पैदावार वाली मक्का गंगा- 5 किस्म है. बता दे इस किस्म को तैयार होने में लगभग 80 से 90 दिनों का समय लगता है और यह 50 से 60 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है.
मक्का के लिए सबसे अच्छा उर्वरक कौनसा है?
मक्का के लिए सबसे अच्छा उर्वरक नाइट्रोजन है. फसल की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता में नाइट्रोजन सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है.
मक्का के 5 प्रकार कौन से है?
मक्का के प्रकार कुछ इस तरह है: डेंट कॉर्न, आटा कॉर्न, पॉन्ड कॉर्न, पॉप कॉर्न और स्वीट कॉर्न.
मक्का उगने में कितना समय लगता है?
मक्का उगने का समय किस्म के ऊपर निर्भर करता है. आमतौर पर 70 से 80 दिनों में मक्के की खेती फल देने के लिए तैयार हो जाती है.