Santra Ki Kheti | अगर आप एक प्रगतिशील किसान है और खेती में कुछ नया करना चाहते है तो इस बार आपको संतरा की खेती करनी चाहिए. संतरा एक नींबूवर्गीय फल है, जोकि प्रमुख रूप से भारत में उगाया जाता है. हमारे भारत देश में केला और आम के बाद संतरे को सबसे ज्यादा उगाया जाता है. संतरा की खेती भारत में प्रति वर्ष लगभग 4.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है जिससे लगभग 52 लाख टन संतरे का उत्पादन प्राप्त होता है. बता दे किसान संतरे की खेती कर किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते है.
यदि आप भी संतरे की खेती करने की सोच रहे है तो इस लेख को पूरा पढ़े क्योंकि इस लेख में हम आपको इसकी खेती से जुडी विस्तार सहित जानकारी देने वाले है. इस लेख में हम- संतरा की खेती? संतरा की खेती वाले राज्य? संतरा की उन्नत किस्म? संतरा की वैज्ञानिक खेती? संतरे की खेती में लागत व कमाई? Santra Ki Kheti आदि के बारे में पूरी जानकारी देंगे.
संतरा की खेती की जानकारी
संतरे की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि है जो भारत में व्यापक रूप से की जाती है. संतरे की खेती के लिए मौसम और मिट्टी की उपयुक्तता महत्वपूर्ण है. संतरा की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प हो सकती है और इसकी खेती क्षेत्र में रोजगार को भी बढ़ावा देती है.
बता दे संतरे की खेती के लिए जलभराव वाली भूमि उपयुक्त नही होती है. इसके पौधे के लिए उचित जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी काफी अच्छी मानी जाती है. इस मिट्टी में पैदावार भी काफी अच्छी मिलती है. ध्यान रहे कि भूमि का पी.एच मान 7 से 8 के बीच होना जरुरी चाहिए.
संतरे की खेती का समय
भारत में संतरे की खेती (Santre Ki Kheti) का अपना एक समय होता है. यदि उसे उस समय के पहले या फिर समय के बाद में इसकी खेती करते है तो इसका प्रभाव संतरा की पैदावार पर दिखाई देता है. संतरे की बागवानी की बाते करे तो, इसके पौधारोपण का उपयुक्त समय गर्मी में जून से जुलाई महीने के बीच तथा ठंड में फरवरी से लेकर मार्च तक का महीना सबसे अच्छा होता है.
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संतरे की खेती वाले राज्य
हमारे भारत देश में नागपुर संतरे की खेती के लिए काफी मशहूर है. वैसे, महाराष्ट्र रियासत में लगभग 80 फीसदी संतरे का उत्पादन होता है. लेकिन, इसकी कई ऐसी उन्नत किस्में विकसित की जा चुकी है जिससे संतरे की खेती (Santre Ki Kheti) दूसरे राज्यों में भी करना संभव है. भारत में संतरा की खेती मुख्य रूप से महाराष्ट्र, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश राज्य में की जाती है.
संतरे की खेती के लिए जलवायु
बता दे संतरा की खेती (Santra Ki Kheti) के लिए शुष्क तथा उष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त होती है. इसकी खेती के लिए 17 से 20 डिग्री का तापमान अनुकूल माना जाता है. वैसे, संतरे की फसल में 40 डिग्री अधिकतम और 27 डिग्री न्यूनतम तापमान सहने की क्षमता होती है.
संतरे की वैज्ञानिक खेती
हमारे भारत देश में संतरे की वैज्ञानिक खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके होते है, जैसे कि- उचित बीज और मिट्टी का चयन, समय पर पानी और कीट प्रबंधन, उपयुक्त खादों का प्रयोग. संतरे के पौधों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यकता अनुसार खाद देना भी जरुरी होता है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए संतरा की वैज्ञानिक खेती की जाती है.
संतरे की उन्नत किस्म
भारत में संतरे की उन्नत किस्मों की बात करें तो यह अलग- अलग राज्यों के हिसाब से अलग- अलग हो सकती है. जैसे कि कर्नाटक में कुर्ग किस्म नंबर वन मानी जाती है. वही, उत्तर प्रदेश में किन्नू किस्म को सबसे अधिक उगाया जाता है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में संतरा की बुटबल किस्म को ज्यादा महत्व दिया जाता है. किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार ही संतरे की किस्मों का चयन करना चाहिए ताकि अच्छा उत्पादन मिल सके. कुछ प्रमुख किस्मो की जानकारी निचे दी गयी है:
- नागपुरी संतरा
- खासी संतरा
- किन्नू संतरा
- कुर्ग संतरा
- किन्नू नागपुर सीडलेस
- बुटवल
इसके अलावा भी कई ख़ास उन्नत किस्में है, जिन्हे उनकी उपज के अनुसार कई जगहों पर उगाया जाता है. इसमें कारा, डेजी, सुमिथरा वाशिंगटन नेशनल संतरा, जाफा, डानक्स ओर दार्जिलिंग किस्में शामिल है. आप किस्म का चुनाव करते समय विशेषज्ञ की मदद ले सकते है.
नागपुरी संतरे की खेती
बता दे नागपुरी संतरे की किस्म अधिक पैदावार देने वाली किस्म है जिसके फल पूरे भारत में पसंद किये जाते है. इसके पौधे खेत में लगाने के 4 साल बाद ही पैदावार देना शुरू कर देता है. इसके पूर्ण विकसित एक पौधे से एक बार में लगभग 110 से 130 किलोग्राम तक फल प्राप्त किए जा सकते है. नागपुरी संतरा के फल पकने के बाद पीले दिखाई देते है. वैसे, इसके एक फल में लगभग 10 से 12 कलियां पाई जाती है जिनमे रस की मात्रा अधिक होती है.
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संतरे की खेती कैसे करे?
अगर आप संतरे की खेती (Santre Ki Kheti) से अच्छा उत्पादन चाहते है तो फिर आपको इसकी खेती सही विधि से करनी चाहिए. सही विधि से संतरा की खेती करने के लिए नीचे दी गई बातो को अवश्य ध्यान में रखे:
- संतरे की खेती के लिए सबसे पहले खेत में मौजूद पुरानी फसलों के अवशेषों को हटाकर खेत की गहरी जुताई करे.
- उसके बाद, खेत में कल्टीवेटर के माध्यम से 2 से 3 अच्छी तिरछी जुताई कर दे.
- जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर उसे समतल बना दे.
- समतल करने के बाद उसमे 15 से 16 फीट की दूरी छोड़ते हुए पंक्तियों में गड्डे तैयार करे.
- गड्डे तैयार करते समय ध्यान रखे कि गड्डे का आकार 1 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा होना चाहिए.
- जब गड्डे पूरी तरह से तैयार हो जाए तब आपको इन गड्डे में पुरानी गोबर की खाद को उचित मात्रा में मिलाना है.
- इसके बाद इन गड्डे में पौधे की रोपाई कर दे.
- संतरे का पौधा आप नर्सरी में तैयार कर सकते है या फिर खरीद कर भी पौधे की रोपाई कर सकते है.
- जब आप पौधे की रोपाई कर दे तो इसके तुरंत बाद आपको एक हल्की सिंचाई कर देनी है.
- फसल की पहली गुड़ाई रोपाई के लगभग 1 माह बाद कर देनी चाहिए.
- इसके बाद, जब भी फसल में खरपतवार नजर आए तब आपको तुरंत ही निराई- गुड़ाई करवा लेनी है. गुड़ाई करने से पौधों की जड़ों को उपयुक्त मात्रा में हवा मिलने लगती है.
संतरा की खेती जैविक खेती
बता दे संतरा की जैविक खेती (Santra Ki Kheti) एक सुरक्षित और विकासशील खेती तकनीक है जिसमे केवल प्राकृतिक तत्वों का ही उपयोग किया जाता है. इसमें केमिकल तथा कीटनाशकों का उपयोग बिलकुल भी नही किया जाता है. इसमें मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए जैविक कंपोस्ट, बायोफर्टिलाइजर और प्राकृतिक जीवामृत का ही उपयोग किया जाता है.
संतरे की खेती के लाभ
बता दे संतरे की खेती से आपको कई तरह के लाभ हो सकते है. इनमे से मिलने वाले कुछ प्रमुख लाभों की जानकारी नीचे दी गई है:
- संतरे की मांग बाजार में अच्छी होती है, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है. इससे आपको आर्थिक लाभ होगा.
- संतरा का सेवन करने से वजन कंट्रोल में रहता है.
- संतरे को Vitamin C का अच्छा सोर्स माना जाता है.
संतरे की खेती में रोग
बता दे कि संतरे के पौधे में कई तरह के रोग देखने को मिलते है जो इसके पौधे और फलों को काफी ज्यादा नुक्सान पहुंचाते है. इन रोगों से पौधों को बचाकर किसान भाई अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है. यहां कुछ मुख्य रोगों की जानकारी दी गई है:
- सिटरस सिल्ला
- मिली बग
- गुंदिया रोग
- जड़ गलन
- सिंट्र्स कैंकर रोग
संतरे की खेती में खाद
बता दे संतरे के पौधे में खाद तथा उर्वरक का उचित मात्रा में उपयोग करना बहुत आवश्यक होता है. संतरा की खेती में पोटाश और फास्फोरस 500 ग्राम प्रति पौधे को देनी चाहिए, वही, 800 ग्राम नाइट्रोजन प्रति वर्ष देना जरुरी होता है. जैसे- जैसे पौधे का विकास होता जाता है वैसे ही उर्वरक की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए. इससे पौधा अच्छे से विकास करने लगता है.
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संतरे की खेती में सिंचाई
भारत में संतरे के पौधों को शुरुआत में सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है. इसके लिए पौधे को पानी उचित मात्रा में देना चाहिए. वैसे, इसके पौधों के खेत में रोपाई करने के तुरंत बाद पानी दे देना चाहिए. साथ ही, गर्मी के मौसम में पौधों को सप्ताह में एक बार और सर्दी के मौसम में इसके पौधों को 12 से 17 दिनों के अंतराल पर पानी देना चाहिए.
संतरे की खेती में लागत व कमाई
बता दे संतरे की खेती (Santre Ki Kheti) में कमाई पौधे की देखरेख पर भी निर्भर करती है. जितनी अच्छी पौधों की देखरेख होगी, उतनी अधिक उपज प्राप्त होगी. आपको बता दे कि पूर्ण विकसित पौधे से लगभग 120 से 140 किलोग्राम पैदावार मिल सकती है. वैसे, 1 एकड़ खेत में लगभग 100 पौधे लग सकते है जिनकी लागत लगभग 50 से 70 हजार होती है. इस हिसाब से आप संतरा की खेती करके 6000 से 14000 किलोग्राम/ प्रति एकड़ तक उपज प्राप्त कर सकते हो.
अगर कमाई की बात करे तो वर्तमान समय में संतरा का बाजार में भाव लगभग 30 से 40 रुपए प्रति किलो है और हमने आपको उपज का विवरण बता दिया है. इस हिसाब से 1 एकड़ के खेत से आप 2 से 3 लाख रुपए की कमाई बड़ी आसानी से कर सकते है. वैसे भी, यह फसल आपको कई साल तक कम कर देगी.
FAQ- ज्यादातर पूछे जाने वाले सवाल
संतरे का दूसरा नाम क्या है?
संतरे का दूसरा नाम कीनू है. कीनू, संतरा का ही रूप का होता है तथा इसकी मूल रूप से 2 किस्म होती है किंग और विलो लीफ.
संतरे का सीजन कब आता है?
संतरे के फलों की तुड़ाई जनवरी से मार्च के बीच की जाती है. यही संतरे का सीजन भी होता है.
संतरा कितने दिन में फल देता है?
संतरे का पौधा खेत में लगाने के 3 से 4 साल बाद फल देने लग जाता है तथा संतरे के फलों को पकने के लिए गर्मी की जरूरत होती है.
कौनसा नगर संतरे के लिए प्रसिद्ध है?
नागपुर संतरा के लिए प्रसिद्ध है. वैसे, यह महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर भी है.
संतरे की पहचान कैसे करे?
संतरे की पहचान करने के लिए निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखे. कीनू का रंग, संतरे से डार्क होता है. वही, संतरा का रंग केसरिया या लाइट ऑरेंज रंग का होता है. संतरा अमूमन छोटे आकार का होता है.